✒ बीजिंग : आईएनएस, इंडिया चीन ने स्कूलों और हस्पतालों में सांस की बीमारीयों में इजाफे के बाद चौकन्ना रहने की हिदायत की है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक आलमी इदारा सेहत (डब्लयूएचओ) ने चीन की हुकूमत से बीमारी से मुताल्लिक आदाद-ओ-शुमार तलब किए हैं। हालांकि कहा है कि किसी गैरमामूली या नए पैथोजन (बीमारीयां फैलाने वाले जरासीम) का पता नहीं चला है। बीजिंग और सूबा लियांग में सांस की बीमारी से बच्चे ज्यादा मुतास्सिर हुए हैं।
गौरतलब है कि गुजिश्ता दिसंबर में बीजिंग ने कोरोना वाइरस से निमटने के लिए लगाई गई तमाम पाबंदियां उठा ली थीं। स्टेट काउंसिल ने कहा है कि इस मौसम-ए-सरमा और मौसम-ए-बहार में ण्नफ्लूएंजा ज्यादा होगा और मुस्तकबिल में कुछ इलाकों में माईको प़्लाज्मा निमोनिया का इन्फेक्शन •ाी ज्यादा होगा। रवां हफ़्ते ये सूरत-ए-हाल उस वक़्त सामने आई, जब आलमी इदारा सेहत ने बच्चों में गैर तशखीसशुदा निमोनिया के आदाद-ओ-शुमार के बारे में चीन से मजीद मालूमात तलब कीं। चीन और आलमी इदारा-ए-सेहत दोनों को 2019 के आखिर में वूहान में कोरोना के इबतिदाई केसिज की रिपोर्टिंग की शफ़्फाफियत के बारे में सवालात का सामना करना पड़ा है। जुमेरात को डब्लयूएचओ ने कहा था कि चीन ने उसकी दरखास्त का जवाब दिया है और उसके फराहम करदा आदाद-ओ-शुमार से मालूम हुआ है कि ये केसेज कोरोना की रोक-थाम के साथ-साथ माईको प़्लाज्मा निमोनिया जैसे पैथोजंज के फैलाव से मुंसलिक हैं। ये एक आम बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो आम तौर पर बच्चों को मुतास्सिर करता है।
अमरीकी नौजवान ने जिल्द के कैंसर का ईलाज करने वाला साबुन बना लिया
न्यूयार्क : अमरीका के एक बच्चे ने ऐसा साबुन तैयार किया है जो जिल्द के कैंसर के ईलाज में मददगार साबित हो सकता है। 14 साला लड़के ह्युमन बेकले ने ये साबुन तैयार कर अमरीका के टाप नौजवान साईंसदान का ऐवार्ड अपने नाम कर लिया है। अमरीकी रियासत वर्जीनिया के इलाके से ताल्लुक रखने वाले 9 वीं जमात के तालिब-ए-इलम ने एक चैलेंज में अपने साबुन को जमा कराते हुए एक वीडीयो में कहा कि एक साबुन से कैंसर का ईलाज मुम्किन हो सकता है।उसने मजीद कहा कि मैं हमेशा से बायोलाजी और टैक्नोलोजी में दिलचस्पी रखता हूँ और इस मुकाबले से मुझे अपने ख़्यालात के इजहार का बेहतरीन मौका मिला है, मैं चाहता था कि मेरी ईजाद सिर्फ़ साईंसी लिहाज से ही बेहतरीन ना हो बल्कि ज्यादा से ज्यादा अफराद को इस तक रसाई हासिल हो। ये साबुन ऐसे अजजा से तैयार किया गया है, जो इन्सानी जिल्द में ऐसे खलयात को मुतहर्रिक करते हैं, जो कैंसर से मुतास्सिर खलयात का मुकाबला करते हैं, ये साबुन जिल्द के कैंसर की ईलाज में मदद फराहम करता है। इस एवार्ड को जीतने के बाद ह्युमन बेकले ने कहा कि उसे तवक़्को है कि ये साबुन उम्मीद की अलामत बन जाएगा और हर फर्द के लिए जिल्द के कैंसर का ईलाज मुम्किन हो जाएगा।
वाजेह रहे कि ह्युमन बेकले 4 साल की उम्र में अफ्रÞीकी मुल्क एथोपीया में मुकीम थे, जहां लोग सूरज की तेज रोशनी में काम करते हैं और वहां जिल्द का कैंसर काफी आम है।