✒ वाशिंगटन : आईएनएस, इंडिया
अमरीकी सदर जो बाईडन ने गाजा से हम्मास के असर-ओ-रसूख के मुकम्मल खातमे के लिए फलस्तीनी अथार्टी को इस्तिमाल करने के फार्मूले के सिलसिले में कहा है कि इसराईल-हम्मास जंग के बाद बिलआखिर फलस्तीनी अथार्टी को मगरिबी किनारे के साथ-साथ गाजा पर •ाी हुकूमत करना होगी। उन्होंने इस अमर का इजहार वाशिंगटन पोस्ट में अपने मजमून में लिखा है। इसराईल की हम्मास के खिलाफ जारी जंग और इस जंग के लिए अमरीकी हिमायत के पस मंजर में सदर जो बाईडन ने कहा, जैसा कि हम अमन के लिए कोशिश कर रहे हैं, मगरिबी किनारे और गाजा को एक हुकूमती ढाँचे के नीचे आना होगा। बिलआखिर एक नए अहया के साथ फलस्तीनी अथार्टी के तौर पर आगे आना होगा, जैसा कि हम दो रियासती हल के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गाजा से फलस्तीनीयों की जबरी नक़ल मकानी नहीं होनी चाहिए, ना कोई दोबारा कब्जा होना चाहिए और ना ही मुहासिरा या इलाके की जमीन में किसी किस्म की कमी होनी चाहिए।
ये बात उन्होंने बुनियादी तौर पर इस सवाल पर कि गाजा में जंग के बाद क्या होगा, के जवाब के तौर पर कही। इससे कबल इसराईली वजीर-ए-आजम नेतन्याहू ये कह चुके हैं कि इसराईल को जंग के बाद •ाी मजमूई पर सिक्योरिटी इशूज को सँ•ाालने के लिए मुस्तकबिल में •ाी फौजी जिÞम्मेदारी को बरकरार रखना होगा। जो बाईडन ने अपने तहरीर करदा मजमून में लिखा, अमरीका इंतिहा पसंदों के लिए वीजा इजरा पर पाबंदी लगा दे। ऐसे इंतिहापसंद, जो मगरिबी किनारे में शहरीयों पर हमले करते हैं और मकबूजा मगरिबी किनारे में फलस्तीनीयों को यहूदी आबाद कारों के तौर पर तशद्दुद का निशाना बनाते हैं। मैंने इसराईली लीडरों के साथ इस बात पर-जोर दिया है कि मगरिबी किनारे में फलस्तीनीयों के खिलाफ इंतिहा पसंदाना और पुरतशद्दुद हमले नहीं होने चाहिए।
वाजेह रहे कि मगरिबी किनारा 30 लाख फलस्तीनीयों की रिहायश का मर्कज है, जबकि इनके अलावा 15 लाख के करीब यहूदी आबादकार रहते हैं। ये आबादकार पुरतशद्दुद वाकियात के जरीये बैन-उल-अकवामी सतह पर तशवीश का बाइस बनते हैं।