Top News

हजारों बच्चों का कब्रिस्तान बन चुका है गजा, यूनीसेफ का लर्जाखेज इन्कशाफ

न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया 

अकवाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्टÑ) के इदारे यूनीसेफ ने खबरदार किया है कि अगर गजा में जंगबंदी के मुतालिबात पर तवज्जा ना दी गई तो हलाकतों में इजाफा होगा और इस इलाके में फलस्तीनी बच्चों को ज्यादा खतरात का सामना होगा। बच्चों के लिए अकवाम-ए-मुत्तहिदा के फंड के तर्जुमान जेम्ज एल्डर ने कहा कि गजा हजारों बच्चों का कब्रिस्तान और बाकी सब के लिए एक जिंदा जहन्नुम बन चुका है। 
हजारों बच्चों का कब्रिस्तान बन चुका है गजा, यूनीसेफ का लर्जाखेज इन्कशाफ


    हम्मास के जेर-ए-इंतिजाम काम करने वाली वजारत-ए-सेहत ने कहा है कि 7 अक्तूबर को अस्करीयत पसंदों के इसराईल पर हमलों के बाद से इसराईल की शदीद बमबारी के बाइस गजा में 8,300 फलस्तीनी हलाक हो चुके हैं, जिनमें 3,457 बच्चे शामिल हैं। इसराईल पर सात अक्तूबर को हम्मास के हमले में 1,400 लोग हलाक हुए थे जिनमें ज्यादातर आम शहरी थे। हम्मास ने 240 के करीब लोगों को यरगमाल •ाी बनाया था। यूनीसेफ के तजुँमान जेम्ज एल्डर ने कहा कि गजा में तनाजे की इब्तिदा ही से यूनीसेफ ने इन्सानी बुनियादों पर जंग बंदी की जरूरत, इमदाद की तरसील और यरगमाल बनाए गए बच्चों की रिहाई के बारे में वाजैह मौकिफ अपना रखा है। इसी तरह हमने इस्तिदा की है कि बच्चों की हलाकतों को रोका जाढ। 
    रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे में जब इसराईली फौज ने हम्मास कोद्व जिसे अमरीका ने दहश्तगर्द ग्रुप करार दिया है, खत्म करने के लिए अपना जमीनी आॅप्रेशन वसीअ कर दिया है, वाशिंगटन ने इसराईल की हिमायत की है लेकिन साथ ही अमरीका ने आम शहरीयों के तहफ़्फुज और इमदाद की गजा में तरसील प्ऋ२७ जोर दिया है। इसराईल की जानिब से 21 अक्तूबर को गजा की नाकाबंदी को जुजवी तौर पर खत्म किए जाने के बाद से अकवाम-ए-मुत्तहिदा के दफ़्तर बराए राबिता इन्सानी इमदाद ओसीएचए के मुताबिक खुराक, पानी और तिब्बी सामान ले जाने वाले 143 ट्रक मिस्र के साथ रफा क्रासिंग के रास्ते गजा में दाखिल हुए हैं। इस कशीदगी में इजाफे से पहले, हर काम के दिन औसतन 500 ट्रक गजा में दाखिल होते थे। तर्जुमान ने कहा कि इस तरह हर महीने तकरीबन 22 दिन ये ट्रक आया करते थे। उन्होंने कहा कि रोजाना आने वाले औसतन 500 ट्रकों में से पच्चास में ईंधन होता था। 
    अकवाम-ए-मुत्तहिदा के इदारे ने बताया कि गजा में दाखिल होने वाले किसी •ाी ट्रक में अब ईंधन नहीं लाया जाता है, जो गजा के वाहिद पावर प्लांट में बिजली पैदा करने, अस्पतालों के जनरेटर्ज को बैकअप के तौर पर रखने, पानी के प्लांटस को चलाने और गजा की बैकरियों को बंद होने से रोकने के लिए जरूरी है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के तर्जुमान ने कहा कि ईंधन सिर्फ फैंसी गाड़ियों को चलाने के लिए नहीं है, बल्कि ये पानी की फराहमी के लिए बहुत जरूरी है। इसी तरह एम्बूलेंसों के लिए, अस्पतालों के लिए ये बहुत जरूरी है ताकि गजा में इन्सानी जिंदगी के इस बोहरान के दौरान मुश्किलात कुछ कम हो सकें। 
    इसराईल ने गजा में ईंधन दाखिल करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है क्योंकि वो डीजल को दोहरे इस्तिमाल के तौर पर देखता है। आलमी इदारा बराए सेहत ने कहा है कि कब्ल अज वक़्त पैदा होने वाले 130 नौजाईदा बच्चों की जिंदगी का इन्हिसार इन इंक्यूबेटर्ज पर है, जिनमें से 61 फीसद गजा के शुमाली हिस्से में हैं, जहां इसराईली बमबारी सबसे ज्यादा शदीद है। डब्लयूएचओ के मुताबिक 50 हजार खवातीन हामिला हैं और रोजाना ओस्ता 180 बच्चों की पैदाइश होती है और जियाबतीस, दिल की बीमारी और कैंसर जैसी गैर मुतअद्दी बीमारीयों में मुबतला 3 लाख 50 हजार अफराद को फौरी तिब्बी इमदाद की जरूरत होती है।

वाहिद कैंसर हस्पताल •ाी बंद, बंद होने वाले हस्पतालों की तादाद 16 हो गई

गजा में चौथे हफ़्ते से बदतरीन इसराईली बमबारी और मुहासिरे के बाद गजा के वाहिद कैंसर हस्पताल में ईलाज की खिदमात की फराहमी मुम्किन नहीं रही और हस्पताल को बंद कर देना पड़ा है। गजा में कैंसर के 2000 मरीज हैं, इनमें से 70 हस्पताल में •ार्ती हैं जिनका ईलाज जारी था। हस्पताल के इंतिजामी जराइआ के मुताबिक इस बंदिश की वजह से गजा के मुसलसल इसराईली मुहासिरे और बदतरीन बमबारी की वजह से दवाईयां और दूसरे तिब्बी सामान-ओ-आलात के अलावा ईंधन की अदम दस्तयाबी का तसलसुल बना है। इस सिलसिले में तुर्क-फलस्तीन दोस्ती हस्पताल के डायरेक्टर के हवाले से एक बैन-उल-अकवामी टीवी चैनल अल-जजीरा ने बताया है कि हस्पताल में ज्यादातर कैंसर के मरीजों का ईलाज किया जाता था लेकिन ईंधन और बिजली की फराहम मुकम्मल तौर पर मुअत्तल हो जाने के बाद हस्पताल को चलाना मुम्किन नहीं रहा इसलिए सब सर्विसिज बंद कर दी गई हैं। 
    हस्पताल के डायरेक्टर सुबही शिकाईक ने कहा कि हम आलमी बिरादरी को बताना चाहते हैं कि कैंसर के मरीजों को इस तरह यकीनी मौत के लिए ना छोड़ें। फलस्तीनी वजीर-ए-सेहत ने •ाी कैंसर हस्पताल की मुकम्मल बंदिश की तसदीक की है, उनका कहना था गजा के 35 हस्पतालो में से इस वक़्त 16 हस्पताल बंद हो चुके हैं। सिर्फ इस कैंसर हस्पताल की बंदिश की वजह से 70 मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। वाजेह रहे कि गजा में कैंसर के मरीजों की तादाद 2000 के करीब है। ये सब अब गजा की तबाही के बाद ईलाज से मुकम्मल महरूम हो गए हैं। उधर इसराईल ने गजा पर हमले शदीद कर दिए हैं और अमरीका ने फौरी जंग बंदी की हिमायत ना करने का अपना मौकिफ बरकरार रखा हुआ है।


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने