24 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
सनीचर, 12 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’- मिश्कवात
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गाजा : आईएनएस, इंडिया
फलस्तीनी वजारत-ए-नवादिरात ने कहा है कि गुजिशता साल गाजा में मिलने वाले 2,000 साल कदीम (पुरानी) रूमी कब्रिस्तान पर काम करने वाले माहिरीन आसारे-ए-कदीमा (पुरातत्व विशेषज्ञ) को कम अज कम 125 ऐसी कब्रें मिली हैं, जिनमें ज्यादा-तर इन्सानी ढाँचे अब भी काफी हद तक असल शक्ल बरकरार रखे हुए हैं।गुर्बत जदा फलस्तीनी इलाका मुख़्तलिफ तहजीबों के लिए एक अहम तिजारती मर्कज रहा है। बाइबल में इस हकीकत की गम्माजी मिस्र और फलस्तीन के जिÞक्र की सूरत में मिलती है। फलस्तीन की तारीख का जिÞक्र रूमी बादशाहत और सलीबी अदवार में भी मिलता है। माजी में, मुकामी माहिरीन आसारे-ए-कदीमा ने फंडिंग की कमी की वजह से दरयाफतशुदा इश्याय (प्राप्त चीजों) को दुबारा दफन कर दिया था लेकिन फ्रÞांसीसी तन्जीमों ने इस जगह की खुदाई में मदद की है।
मिस्री फंड से चलने वाले एक हाऊसिंग प्रोजेक्ट पर काम करने वाले तामीराती अमले ने ये जगह गुजिशता साल फरवरी में दरयाफत की थी। फ्रÞांसीसी स्कूल आफ बाइबलेकल एंड आरक्योलोजीकल रिसर्च के एक माहिर फाजिल ने साइट पर न्यूज एजेंसी को बताया कि फलस्तीन में ये पहला मौका है कि हमने एक कब्रिस्तान दरयाफत किया जहां 125 कब्रें हैं और गाजा में पहली बार ऐसा हुआ है कि हमने सीसे से बने दो ताबूत दरयाफत किए हैं।
फाजिल की तंजीम, फ्रÞांस की इमदादी एजेंसी प्रीमीयर अर्जेनस इंटरनेशनल की मदद से दरयाफतों के काम की निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि दरयाफतशुदा दो में से एक संगी ताबूत अंगूरों और दूसरा डाल्फिन मछलियों के नुकूश से मुजय्यन (सजा हुआ) है। उन्होंने मजीद कहा कि आसारे-ए-कदीमा के इस तारीखी मुकाम को महफूज करने के लिए हमें फंडज की जरूरत है ताकि तारीख मिट ना जाए। उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि ये मुकाम एक सयाहती मर्कज (पर्यटन केंद्र) बन जाएगा।
कम अज कम 25 इंजीनियर्ज और तकनीकी माहिरीन इतवार को खासी गर्मी के बावजूद खुदाई, मिट्टी साफ करने और ढाँचों को महफूज करने में मसरूफ रहे। उन्होंने कुछ कब्रों के अंदर से मिलने वाले मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ों को भी जोड़ा। गजा की वजारत-ए-नवादिरात के डायरेक्टर जनरल, जमाल अब्बू रीदा ने कहा, ये एक फकीद उल मिसाल बात है। इससे जाहिर होता है कि इस सरजमीन में फलस्तीनियों की जड़ें गहिरी हैं और वो हजारों साल से यहां आबाद हैं।
रूहानी इलाज
घर में लड़ाई-झगड़ा, रुपए-पैसों की तंगी, बे-बरकती, नुहूसत और जिन्नाती असरात दूर करने के लिए ‘सूरह जिन्न’ और ‘सूरह मुजम्मिल’ 3-3 बार (अव्वल-आखिर 3-3 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर आजवाइन और लोबान पर दम करें और 7 या 11 दिन धूनी लगाएं और दुआ कर लें। इन्शा अल्लाह घर में लड़ाई-झगड़ा खत्म होकर तंगदस्ती, बे-बरकती, नुहूसत और जिन्नाती असरात दूर हो जाएंगे।