27 जीअकादा 1444 हिजरी
सनीचर, 17 जून 2023
अकवाले जरीं‘जो बंदा दुनिया में किसी का ऐब छुपाएगा, अल्लाह ताअला रोज-ए-कयामत उसके ऐबों को छुपाएगा।’
- मुस्लिम शरीफ
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रियाद : आईएनएस, इंडिया हाइपर लूप नामी बर्क रफतार ट्रेन की मदद से अब सऊदी अरब में जद्दा से मक्का और मक्का से जद्दा तक का सफर 5 मिनट तक के मामूली वक़्त में मुम्किन हो सकेगा, जबकि रियाद से जद्दा का सफर एक घंटे से भी कम वक़्त में मुम्किन होगा। हाइपर लूप वन नामी अमरीकी कंपनी की जानिब से ये टेक्नोलोजी मुतआरिफ (परिचित) कराई गई है, जिसके जरीये एक शहर से दूसरे शहर का सफर निहायत ही कम वक़्त में तै किया जा सकता है। इस टेक्नोलोजी का मकसद तवील सफरी औकात को कम से कम करना है। अमरीकी कंपनी ने ऐलान किया है कि इस टेक्नोलोजी के जरीये मुसाफिर 1 हजार 78 किलोमीटर फी घंटा के हिसाब से एक कैप्सूल नुमा ट्रेन में सफर कर सकेंगे। कंपनी की तरफ से मुसाफिरों की हिफाजत के साथ-साथ आराम देह सफर का भी यकीन दिलाया गया है। इस हवाले से 'डीपी वर्ल्ड' नामी मुत्तहदा अरब अमीरात की लाजिस्टिक्स कंपनी के सीईओ ने बताया कि 2030 तक ये मन्सूबा मुकम्मल हो जाएगा। गौरतलब है कि सऊदी अरब हाइपर लूप टेक्नोलोजी लॉन्च करने वाला पहला मुल्क होगा। इस टेक्नोलोजी के जरीये सऊदी अरब में रियाद से जद्दा तक का सफर 46 मिनट में जबकि रियाद से दुबई का सफर 51 मिनट में बा आसानी तै किया जा सकेगा।
‘रोड टू मक्का’ प्रोग्राम के बंगला देशी आजमीन को दी जाएगी तिब्बी खिदमात
रियाद : सऊदी अरब की वजारत-ए-सेहत ने अवामी जमहूरीया बंगला देश से आने वाले आजमीन-ए-हज्ज को तिब्बी खिदमात (मेडिकल फेसिलिटी) फराहम की है। सऊदी अरब की वजारत-ए-सेहत की तरफ से दीगर ममालिक के आजमीन को भी तिब्बी सहूलयात की फराहमी का सिलसिला जारी है। रोड टू मक्का सऊदी अरब की वजारत-ए-दाखिला की तरफ से बैरून-ए-मुल्क से आने वाले आजमीन हज के लिए सामने लाए गए कदम और प्रोग्रामात का हिस्सा है। इस प्रोग्राम के तहत आजमीन-ए-हज्ज की दूसरे ममालिक से मक्का मुअज्जमा आमद से कब्ल उन्हें खिदमात फराहम की जाती हैं।सऊदी अरब की वजारत-ए-सेहत की तरफ से जिन गैरमुल्की आजमीन को मक्का मुअज्जमा में आमद से कब्ल तिब्बी सहूलयात दी जाती हैं, वो अलग से वैक्सीनेशन कोर्स के सर्टीफिकेट दिए जाते हैं और बराह-ए-रास्त हरम मक्की के करीब अपनी कयाम गाहों में मुंतकिल (शिफ्ट) कर दिए जाते हैं। सऊदी अरब की वजारत-ए-सेहत दूसरे ममालिक के साथ हम-आहंगी के जरीये आजमीन-ए-हज्ज की सेहत व सलामती के लिए कोशां है ताकि आलमी वबाई सूरत-ए-हाल में आजमीन को जदीद तिब्बी सहूलयात फराहम की जा सकें।