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ईरान के बाद अफ़्गानिस्तान में 80 स्कूली बच्चियों को जहर देने का मामला सामने आया

28 जीअकादा 1444 हिजरी
इतवार, 18 जून 2023
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काबुल : आईएनएस, इंडिया 
अफ़्गानिस्तान के शुमाली (उत्तरी) सूबे में दो प्राइमरी स्कूलों में लगभग 80 बच्चियों को जहर देने की कोशिश की गई है। मुकामी हुक्काम का कहना है कि दो प्राइमरी स्कूलों में अलग-अलग वाकियात में बच्चियों को जहर देने की बात सामने आई है। उनके मुताबिक लगभग 80 बच्चियों को ईलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है, जहां उन्हें तिब्बी इमदाद दी जा रही है। 
ईरान के बाद अफ़्गानिस्तान में 80 स्कूली बच्चियों को जहर देने का मामला सामने आया
file photo
    महिकमा तालीम के एक अहलकार ने बताया कि जहर देने का मन्सूबा बनाने वाले शख़्स की किसी से जाती रंजिश थी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक तालिबान की जानिब से मुकर्रर किए गए महिकमा तालीम के सरबराह मुहम्मद रहमानी ने इस हवाले से तफसीलात बताते हुए कहा कि इस मुआमले की तहकीकात शुरू कर दी गई है। उनके बाकौल इबतिदाई तहकीकात (शुरुआती जांच) में मालूम हुआ है कि एक शख़्स ने बरहमी (नाराजगी) की वजह से किसी तीसरे फर्द को बच्चियों को जहर देने के लिए रकम अदा की थी। मुहम्मद रहमानी ने लड़कियों को जहर देने या उनके सेहत से मुताल्लिक मजीद मालूमात फराहम नहीं कीं। उन्होंने जहर खुरानी से मुतास्सिर बच्चियों की उम्र के हवाले से भी आगाह नहीं किया। उनका कहना था कि इस वाकिये में मुतास्सिर होने वाली लड़कियां पहली जमात से छठी जमात तक की तालिबात हैं। 
    वाजिह रहे कि गुजिश्ता साल नवंबर में अफ़्गानिस्तान के पड़ोसी मुल्क ईरान में ऐसे वाकियात पेश आए थे, जिनमें स्कूली बच्चियों को जहर देने की कोशिश की गई थी। जहर खुरानी की उन वारदात से ईरान हिल गया था। सूबाई महिकमा तालीम के सरबराह मुहम्मद रहमानी का कहना था कि जहर खुरानी के दोनों वाकियात एक ही जिÞले में पेश आए हैं। उन्होंने मजीद कहा कि जिÞले के एक स्कूल में 60 तालिबात जबकि निसवां फैजाबाद स्कूल में 17 लड़कियों को जहर दिया गया। उनके बाकौल दोनों प्राइमरी स्कूल करीब-करीब हैं। उन्हें यके बाद दीगरे निशाना बनाया गया। 
    अगस्त 2021 में तालिबान के इकतिदार में आने के बाद अफ़्गान खवातीन और लड़कियों के हुकूक और आजादी पर क्रैक डाउन शुरू किया गया। गुजिश्ता दो बरस के दौरान ये इस नौईयत (प्रकृति) का पहला वाकिया करार दिया जा रहा है, जिसमें तालिबात को जहर देने की कोशिश की गई है। अफ़्गानिस्तान में तालिबान के इकतिदार में आने के बाद से लड़कियों पर छठी जमात से आगे तालीम हासिल करने पर पाबंदी आइद है, जबकि खवातीन को मुलाजमतों और अवामी मुकामात पर जाने से भी रोक दिया गया है।


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