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चीनी हुकूमत पुरानी मस्जिद को शहीद करने पर आमादा, मुस्लिम हुक्मरां खामोश : एम आसिफ

27 जीअकादा 1444 हिजरी
सनीचर, 17 जून 2023
अकवाले जरीं
‘जो बंदा दुनिया में किसी का ऐब छुपाएगा, अल्लाह ताअला रोज-ए-कयामत उसके ऐबों को छुपाएगा।’ 
- मुस्लिम शरीफ 

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मुस्लिम ममालिक चीन की खामोश हिमायत के मुर्तकिब (दोषी) हैं : आल माइनॉरिटी फ्रंट

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 
चीनी हुकूमत के एक हजार साल कदीम मस्जिद के मिस्मार करने के फैसले पर अपना रद्द-ए-अमल जाहिर करते हुए आॅल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के कौमी सदर एसएम डाक्टर आसिफ ने कहा कि 13वीं सदी में तामीर की गई मस्जिद से चीनी हुकूमत को उसी तरह परेशानी होने लगी जिस तरह हिन्दुस्तानी हुकूमत को बाबरी मस्जिद से हुई थी। 
चीनी हुकूमत पुरानी मस्जिद को शहीद करने पर आमादा, मुस्लिम हुक्मरां खामोश : एम आसिफ
file photo
    हिन्दुस्तानी अदालत ने जिस तरह बाबरी मस्जिद जमीन पर मुस्लमानों का हक खारिज कर दिया, चीनी अदालत भी ठीक उसी तरह का फैसला सुना चुकी है। 28 मई 2023 को चीनी हुकूमत की फौज बुलडोजर लेकर मस्जिद को मिस्मार करने पहुंची और मस्जिद के एक गुंबद को शहीद कर दिया, वहां मौजूद चीनी मुस्लमानों ने एहतिजाज शुरू किया, जिसके बाद हुकूमत और अवाम के बीच टकराव जैसे हालात बन गए। बाद में चीनी फौज वापस चली गई। पुलिस के मस्जिद के नजदीक से हटते ही भारी तादाद में मुकामी मुस्लमान धरने पर बैठ गए और कहा, हमारी लाशों पर से गुजर कर चीनी हुकूमत मस्जिद को मिस्मार करेगी। चीनी हुकूमत ने एहतिजाज करने वाले मुस्लमानों को हिदायत दी है कि जो लोग एहतिजाज में शामिल हैं, पुलिस के सामने अपनी गलती को तस्लीम कर लें, वर्ना सख़्त कार्रवाई की जाएगी। 
    डाक्टर आसिफ ने कहा कि तुर्की, इंडोनेशिया, ईरान और अरब ममालिक और पाकिस्तान की हुकूमत जो दुनिया में मुस्लमानों के सरबराही करने के दावे करते हैं, पुर इसरार खामोशी क्यों इखतियार किए हुए हैं। उन्होंने कहा, सरहदी इलाके में कई मस्जिदें गिरा दी गई या ताला बंद कर दिया गया, इस्लामी शाइर और इबादत पर पाबंदी आइद की जाती रही है। डाक्टर आसिफ ने कहा कि आखिर मुस्लिम ममालिक के हुकमरानों की खाबीदा जमीर क्यों बेदार नहीं हो रही है। 

600 साला पुरानी मस्जिद का गुंबद और मीनार शहीद 

बीजिंग : चीन के सूबे युनान में एक मस्जिद के गुंबद और मीनार को जुजवी (आंशिक) तौर पर शहीद कर दिया गया जिस पर मुस्लिम बिरादरी में गम-ओ-गुस्से की लहर दौड़ गई। 
    आलमी खबररसां इदारे के मुताबिक चीन के कस्बे नागो की एक तारीखी मस्जिद के जेर-ए-तामीर मीनार और गुंबद को गै़रकानूनी करार देकर शहीद कर दिया गया जिस पर मुस्लिम बिरादरी ने शदीद एहतिजाज किया। सन 1370 में तामीर की गई इस मस्जिद के हाल ही में जेर-ए-तामीर गुंबद और मीनार को मिस्मार करने का हुक्म मुकामी अदालत ने 2020 में दिया था। अदालती फैसले में कहा गया था कि तारीखी मस्जिद की तजय्युन-ओ-आराइश (संधारण) में एक गुंबद और मीनार को गै़रकानूनी तौर पर तामीर किया जा रहा है। दो साल तक मस्जिद इंतिजामीया अदालती जंग लड़ती रही ताहम अब मस्जिद के गुंबद और मीनार को मिस्मार कर दिया गया जिस पर मुस्लिम बिरादरी में गम-ओ-गुस्से की लहर दौड़ गई। अवाम सड़कों पर निकल आई और शदीद एहतिजाज किया। पुलिस ने मुजाहिरीन को मुंतशिर (छितर-बितर) करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े। जवाब में मुजाहिरीन ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। हादसे में 10 से जाइद अफराद जखमी हो गए, जिन्हें करीबी अस्पताल में तिब्बी इमदाद फराहम की गई।


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