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अरदन की शाही शादी : मुश्किल मआशी हालात से लड़ते शहरी भी मुस्कुराने लगे

05 जिल हज्ज 1444 हिजरी
सनीचर, 24 जून 2023
अकवाले जरीं
‘जिस घर में अल्लाह ताअला का जिक्र किया जाता है और जहां नहीं किया जाता है, उस घर की मिसाल जिंदा और मुर्दा जैसी है।’ 
- मुस्लिम शरीफ 
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दुबई : आईएनएस, इंडिया 
अरदन के वली अहद शहजादा हुसैन अब्दुल्लाह सानी ने सऊदी अरब में शहजादियों की सी जिंदगी गुजारने वाली एक अरबपती घराने की आला तालीम याफता खातून रजूह अलसीफ को अपना जीवन साथी बना लिया। शादी की इस तकरीब को अरदन और सारी दुनिया के सोशल मीडीया प्लेटफार्म पर लाईव देखा गया। 
दुल्हन कीमती सफेद लिबास में मलबूस, रोल्ज राईस की चार दरवाजों की उस लेमोजैन में, जिसे उनकी मरहूमा दादी की मर्जी से बनवाया गया था, जहरान महल पहुंची। जबकि इससे पहले अरदन के वली अहद मुकम्मल रस्मी फौजी यूनीफार्म में सोने के दस्ते वाली तलवार सजाए वहां पहुंचे। जहरान महल में जहां शादी की तकरीब हुई, 1993 के बाद ऐसी शानदार तकरीब देखी गई, जब एक ऐसे ही रोशन दिन शाह अब्दुल्लाह ने मलिका रानिया से शादी की थी जो कुवैत में एक फलस्तीनी घराने में पैदा हुई थीं। इससे कई अशरे कब्ल, अबदुल्लाह के वालिद शाह हुसैन ने इसी बाग में अपनी दूसरी अहलिया अनटोनी गार्डेनर से शादी की थी, जो एक बर्तानवी शहरी थीं। खानदान और मेहमान फूलों और बागात से घिरी एक खुली फिजा में रस्म-ए-निकाह के लिए इकट्ठे हुए, जिसे अरदन में कुतुब उल-किताब कहा जाता है। निकाह नामे पर दस्तखत होते ही फिजा तालियों से गूंज उठी, कई मील दूर कदीम (प्राचीन) रोमन एमफी थिएटर में लोगों की एक बड़ी तादाद ने एक बड़ी स्क्रीन पर दूल्हा और दुल्हन को एक दूसरे को अँगूठी पहनाने की रस्म को देखकर बेपनाह खुशी-ओ-मुसर्रत का इजहार किया। कई मिनट की खामोशी के बाद लगभग 18 हजार लोगों का एक हुजूम परचम लहराता और खुशी-ओ-मुसर्रत का इजहार करता हुआ सड़कों पर निकल आया जबकि मुल्कभर में भी इस तकरीब को इसी तरह लाईव एस्ट्रियमिंग में देखा गया। 
अरदन की शाही शादी : मुश्किल मआशी हालात से लड़ते शहरी भी मुस्कुराने लगे
    तकरीब में दुनिया-भर के शाही खानदानों के अफराद और दूसरी अहम शख्सियात ने शिरकत की जिनमें अमरीका की खातून अव्वल और उनकी बेटी एश्ले शामिल थीं। बर्तानिया के वली अहद शहजादा प्रिंस विलियम और उनकी अहलिया कीट भी इस शादी में शरीक हुईं। जबकि अमरीका से माहौलियात के सफीर जान कैरी और दूसरे शुरका शादी की तकरीब में शामिल थे। बर्तानिया की शहजादे प्रिंस विलियम और उनकी अहलिया मिडिलटन ने भी शादी में शिरकत की। 
    रजूह अलसीफ की वालिदा का ताल्लुक ऐसे ही बा-असर घराने से है, जैसा कि शाह सलमान की मरहूमा वालिदा का था। उनके अरबपती वालिद की सऊदी अरब में कंस्ट्रक्शन की एक बड़ी कंपनी है। अरदन के एक करोड़ दस लाख शहरी हालिया बरसों में नौजवान वली अहद शहजादे को अपने वालिद के साथ अवामी मुकामात पर देख चुके हैं। हुसैन ने जॉर्ज टाउन यूनीवर्सिटी से गेजुएशन किया जिसके बाद वो फौज में शामिल हो गए और उन्हें अकवाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेंबली में खिताब से कुछ आलमी शौहरत हासिल हुई। 
    सियासी तजजिÞयाकार अमर सबीला कहते हैं कि ये शादी सिर्फ एक शादी नहीं, बल्कि शहजादे को अरदन के मुस्तकबिल के बादशाह के तौर पर नुमायां करने का भी एक जरीया बनाया गया है। उनका कहना है कि इस शादी ने अरदन के लोगों को एक सख़्त इकतिसादी मुश्किल दौर, जिसमें नौजवानों को मुस्तकिल बेरोजगारी का सामना है और मईशत (अर्थ व्यवस्था) कमजोर है, खुशी का एक मुख़्तसर मौका फराहम किया है। माहिरीन (विशेषज्ञ) इस शादी को मशरिक (पूर्व) में आॅल सऊद के तारीखी हरीफ (विरोधियों) हाश्मियों के लिए एक फाइदामंद इत्तिहाद समझते हैं। अरदन ने हाल ही में सऊदी अरब और दीगर खलीजी अरब रियास्तों के साथ करीबी ताल्लुकात कायम करने की कोशिश की है। अगरचे शादी के दिन अरदनभर में रेस्टोरंट्स में शादी के नगमे बजते रहे और अंदरून शहर में कारों ने हॉर्न बजा-बजा कर जश्न मनाया लेकिन कुछ ने शाही खानदान की अफसानवी कहानी पर तन्कीद की, क्योंकि अर्दनी शहरी अपनी गुजर-औकात के लिए जद्द-ओ-जहद कर रहे हैं। इस शादी ने अरदन और सऊदी अरब के दो शहरीयों और दो खानदानों के दरमयान जिÞंदगीभर का रिश्ता ही नहीं बल्कि दो अहम मुल्कों के दरमयान एक ऐसा नया ताल्लुक कायम कर दिया है, जो उनके दरमयान राबतों को मजीद मजबूत करेगा।


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