19 शव्वालुल मुकर्रम 1444 हिजरी
बुध, 10 मई, 2023
---------------------------
रियाद : आईएनएस, इंडिया मक्का मुकर्रमा में मस्जिद हराम में सई करने के दौरान एक साठ साला हिन्दुस्तानी शहरी बीमार हो कर गिर गए। उनके दिल ने काम करना छोड़ दिया। इस मौका पर हिलाल अहमर की मस्जिद अल हरम से वाबस्ता अमला ने फौरी कार्रवाई शुरू की और अपनी पेशावराना कोशिशों से भारती शहरी की जान बचाने में कामयाबी हासिल कर ली। ब्रांच के डायरेक्टर डाक्टर मुस्तफा बिन जमील बिलजोन ने कहा कि मेडीकल डीपोर्टेशन अथार्टी के कमांड एंड कंट्रोल रुम को पीर की सुबह 9 बज कर 44 मिनट पर एक नोटीफिकेशन मौसूल हुआ जिसमें कहा गया था कि बेहोश होने और दिल बंद होने का एक केस है। ये शख़्स मक्का मुकर्रमा की मस्जिद अल हरम में सई करने की जगह में गाड़ियों के रास्ते में गिर गया है। मेडीकल टीम के पहुंचने पर पता चला कि साठ की दहाई का एक शख़्स जमीन पर बेहोश पड़ा और सांस ले रहा था। एंबूलेंस टीम ने ऐसे मुआमलात के लिए प्रोटोकोल के मुताबिक फौरी तौर पर मुदाखिलत की और नब्ज वापिस आने तक शाक डिवाईस के जरीये सीपीआर शुरू किया। मरीज को अजयाद जनरल हस्पताल मुंतकिल किया गया और इंतिहाई निगहदाशत के तहत रखा गया है।
अब्दुल अजीज लाइब्रेरी सकाफ़्ती विरसे और हमारी कौमी तशख़्खुस की मुहाफिज है, फैसल बिन मुअम्मर
शाह अब्दुलअ जीज पब्लिक लाइब्रेरी के जनरल सुपरवाइजर फैसल बिन मुअम्मर ने सकाफ़्ती (सांस्कृतिक) और इल्मी ढाँचे और कौमी, अरब और इस्लामी तशख़्खुस के तहफ़्फुज में मकतबा के अहम किरदार पर जोर दिया। उन्होंने खासतौर पर इन पहलूओं का जिÞक्र किया, जिनका ताल्लुक जिंदगी के कुछ ऐसे पहलूओं से है, जो हमारे माजी से वाबस्ता हैं। उनमें जजीरा नुमा अरब में ऊंट के जरीये तशकील पाने वाला अहम विरसा (धरोहर) भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के कियाम के बाद से इस खुशहाल दौर की तरफ ले जाने वाले हरमैन शरीफैन के मुतवल्ली शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और वली अहद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान के दौर में उन्होंने इस जिंदा विरसे की मुकम्मल देख-भाल की है। उन्होंने ऊंटों पर तहकीक और मुताला के मैदान में तजुर्बात के तबादले के साथ-साथ ऊंटों की सकाफ़्त की तरक़्की के लिए कैमल क्लब के साथ लाइब्रेरी की मूसिर शराकतदारी (प्रभावशाली भागीदारी) और साईंसी और सकाफ़्ती सरगर्मियों के इंजिÞमाम का हवाला दिया। उन्होंने ऊंट इन्फार्मेशन सेंटर के कयाम के लिए क्लब और लाइब्रेरी के दरमियान तआवुन को मरबूत तआवुन का हवाला भी दिया। इसमें एक खुसूसी लाइब्रेरी शामिल है, जो ऊंटों से मुताल्लिक तमाम फिक्री पैदावार की फेहरिस्त तैयार करती है। बिन मुअम्मर ने ये बात कल शाह अब्दुल अजीज तारीखी मर्कज में वाके लाइब्रेरी की एक शाख में मुनाकिदा नुमाइश और किताब की तकरीब-ए-रूनुमाई के मौका पर कही।किताब के हवाले से उन्होंने कहा कि ये सकाफ़्ती विरसे को उजागर करने और ऊंटों के हवाले से मुस्तनद सकाफ़्त को मुतआरिफ करवाने के साथ हजारों सालों से अरबों की तहजीब-ओ-सकाफ़्त में ऊंट के किरदार के तारीखी पस-ए-मंजर पर रोशनी डालती है।