6 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 29 मार्च, 2023
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लंदन : आईएनएस, इंडिया बर्तानिया की एक बड़ी सियासी जमात के पहले मुस्लिम रहनुमा के तौर पर हमजा यूसुफ को स्कॉटलैंड की आजादी की तहरीक बहाल करने के लिए एक मुश्किल जंग का सामना करना पड़ेगा।
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Hamza Yusuf |
स्काटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के नए और सबसे कम उमर रहनुमा का, जिनकी उम्र 37 बरस है, कहना है कि एक नसली अकल्लीयत से ताल्लुक रखने की बिना पर उनके अपने तजुर्बे का मतलब है कि वो तमाम अकल्लीयतों के हुकूक के तहफ़्फुज के लिए लड़ेंगे जिनमें हम-जिंस परस्त और ट्रांसजेंडर अफराद शामिल हैं।
ग्लास्गो में पैदा होने वाले यूसुफ ने, मुकामी हुकूमत में पहले मुस्लमान की हैसियत से खिदमात अंजाम देने से कब्ल जब वो 2011 में पहली बार स्कॉटिश पालीर्मैंट के लिए मुंतखब हुए, उन्होंने अपना हलफ अंग्रेजी और उर्दू में उठाया। उनके हामियों ने उनकी तारीफ एक मंझे हुए सियासी के तौर पर की है जो एसएनपी को ऐसे में मुत्तहिद कर सकते हैं, जबकि पार्टी की मर्कजी पालिसी यानी आजाद स्कॉटलैंड के लिए हिमायत का हुसूल जुमूद का शिकार है। बर्तानिया की हुकूमत की जानिब से नए रैफरेंडम की मुखालिफत, और सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बावजूद, यूसुफ ने पीर को अपनी जीत की तकरीर में आजादी फराहम करने का अजम जाहिर किया।
एक ऐसे मौका पर जब उनकी अहलिया और वालिदा ने खुशी से बहते आँसू साफ किए, उन्होंने अपने दादा-दादी को खिराज-ए-अकीदत पेश किया और उस वक़्त को याद किया जब 1960 की दहाई में वो पाकिस्तान से स्कॉटलैंड आए थे और उस वक़्त वो बमुशकिल अंग्रेजी बोल पाते थे। उन्होंने कभी खाब में भी नहीं सोचा होगा कि उनका पोता एक दिन इस मुल्क का लीडर बन जाएगा जिसे उन्होंने अपना वतन बनाया। यूसुफ ने कहा कि हम सबको इस हकीकत पर फखर करना चाहिए कि आज हमने एक वाजेह पैगाम भेजा है, कि आपकी जिल्द का रंग या दरहकीकत आपका अकीदा इस मुल्क की कियादत में रुकावट नहीं है जिसे हम सब घर कहते हैं।
यूसुफ का कहना है कि ग्लास्गो में नसल परसताना ज्यादतियों का सामना करने के बाद, खासतौर पर अमेरिका में 9.11 के हमलों के बाद वो मजबूत हो गए हैं। यूसुफ के पाकिस्तानी नशाद वालिद ने अकाउंटंट के तौर पर ग्लास्गो में एक कामयाब कैरीयर बनाया। एसएनपी के नए रहनुमा की वालिदा कीनीया में एक जुनूबी एशियाई खानदान में पैदा हुईं। यूसुफ ने ग्लास्गो के एक खुसूसी प्राईवेट स्कूल में तालीम हासिल की। उन्होंने ग्लास्गो यूनीवर्सिटी में सियासत की तालीम हासिल की। यूसुफ ने 2012 में स्कॉटलैंड की काबीना में शमूलीयत इखतियार की और इन्साफ, ट्रांसपोर्ट और हाल ही में सेहत समेत मुख़्तलिफ शोबों में खिदमात अंजाम दी। उन्होंने 2010 में साबिक एसएनपी कारकुन गेल लीथगो से शादी की, लेकिन सात साल बाद उनकी तलाक हो गई। 2021 में उन्होंने और उनकी दूसरी बीवी नादिया अलंकला ने एक नर्सरी के खिलाफ नसली इमतियाज की कानूनी शिकायत की, जब उनकी बेटी को वहां दाखिला देने से इनकार किया गया।
शिकायत को एजूकेशन इंसपैक्टरज ने बरकरार रखा लेकिन जोड़े ने इस दाखिले के ख़्याल को तर्क कर दिया, ताहम नर्सरी ने इल्जामात की तरदीद की है। उनका कहना है कि वो हमेशा दूसरों के मुसावी हुकूक के लिए लड़ेंगे और अपने अकीदे की बुनियाद पर कानूनसाजी नहीं करेंगे। उन्होंने स्कॉटिश अखबार दी नेशनल को बताया कि मैं बहुत वाजेह हूं, मैं एक रिपब्लिकन हूँ।