6 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 29 मार्च, 2023
----------------------------------
मुस्लमानों के खिलाफ नफरतअंगेज तकारीर, तशद्दुद और कत्ल-ए-आम में कोई कमी नहीं आई
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडियामुस्लिम दानिशवरों और रहनुमाओं का वो वफद मायूस है, जिसने आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत से मुलाकात की थी, उनका कहना है कि हिंदू तन्जीमों की जानिब से की जा रही नफरतअंगेज तकारीर पर मुसबत (सकारात्मक) कार्रवाई नहीं की गई।
![]() |
आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत |
खत को एसवाई कुरैशी, नजीब जंग, सईद शेरवानी और शाहिद सिद्दीकी ने तहरीर किया है। रिपोर्ट में जराइआ के हवाला से कहा गया है कि ये रद्द-ए-अमल उस वक़्त सामने आया है, जब मशहूर मुस्लिम शहरियों और मजहबी तन्जीमों ने मार्च में दिल्ली के साबिक एलजी नजीब जंग की रिहायश गाह पर आरएसएस लीडरों से मुलाकात की और बिरादरीयों के दरमयान हम-आहंगी के मसला पर बातचीत की। मुस्लिम फरीक खुले आम आरएसएस और इससे मुल्हिका तन्जीमों से लिंचिंग के खिलाफ अपील के साथ टेलीवीजन चैनलों पर नफरतअंगेज प्रोपेगंडे का खातमा चाहता है। आरएसएस की नुमाइंदगी इन्द्रेश कुमार, कृष्ण गोपाल और राम लाल ने की थी। मीटिंग के दौरान आरएसएस ने गाय के जबीहा और हिन्दोस्तान में अक्सरीयत के लिए लफ़्ज काफिर के इस्तिमाल का मसला उठाया था। जिस पर मुस्लिम फरीक ने इस मुआमले पर गाय को कौमी जानवर करार देने का मश्वरा दिया था और कहा था कि वो अपनी बिरादरी से कहेंगे कि वो लफ़्ज काफिर का इस्तिमाल अवामी तौर पर न करें।