7 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
जुमेरात, 30 मार्च, 2023
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तिलावत कुरआन-ए-करीम के मुकाबले में पहली पोजीशन पर आने वाले को 30 लाख और अजान में पहली पोजीशन लेने वाले को 20 लाख रियाल इनाम से नवाजा जाएगा
मुकाबले में 50 हजार से ज्यादा अफराद ने लिया हिस्सा
हालीवुड फिल्म और टेलीविजन के स्क्रीन राइटर फलस्तीनी नजाद अमरीकी यासर शाहीन ने सऊदी इंटरटेनमेंट अथार्टी के प्रोग्राम अल कलाम की हालिया किस्त में ऐसी आवाज में तिलावत पेश की, जिसने सामईन को हैरान कर दिया।
उन्होंने मुमताज अंदाज में शानदार कुरानी मआनी से कानों को मस्हूर कर दिया। रियाद में जारी तिलावत कुरआन-ए-करीम के सबसे बड़े आलमी मुकाबला पर मबनी (आधारित) प्रोग्राम अल कलाम ने अपनी आफिशियल टवीटर अकाउंट पर अमरीकी कारी यासर शाहीन की कहानी पर मबनी वीडीयो क्लिप पेश किया है। जिसमें कारी यासर ने अपनी वालिदा के पुर तासीर अलफाज के मुताल्लिक बताया, उन्होंने कहा, मां ने उनके कारी बनने की खाहिश का इजहार किया था। वालिदा की खाहिश की तकमील करने मैंने सारी जिंदगी कारी बनने की कोशिश की। आलमी मसाबका कुरआन-ओ-अजान में तिलावत के जुमरे में शरीक यासर ने मजीद कहा, मेरी जिंदगी कुरआन को हिफ़्ज करने, उसकी तिलावत करने और हालीवुड के गलियारों में स्क्रिप्ट लिखने के दरमियान गुजरी।
मैंनें 130 से ज्यादा दस्तावेजी प्रोग्रामों और 14 दस्तावेज फिल्मों की तैयारी की निगरानी की। अरब और इस्लामी ममालिक के टेलीविजन चैनल्ज पर मुतअद्दिद प्रोग्रामों में हिस्सा लिया। उन्होंने मजीद बताया कि मैं एक बहुत ही शरारती बच्चा था। मैं मिठाईयां खरीदने के लिए अपनी मां से कुछ पैसे चोरी करता था। एक दिन मां ने मेरी चोरी पकड़ ली। वो घर से निकली और एक घंटे बाद वापस आई तो उनके हाथ में कारी मुहम्मद अलबराक की तिलावत की टेप कैसेट थी। मां ने मुझे कहा कि मुझे खुदा से उम्मीद है कि एक दिन मैं उस जैसा बन जाऊँगा। कई साल गुजर गए और अल्लाह ने मेरी वालिदा की खाहिश को पूरा कर दिया। मैं समझता हूँ, मैंनें अपनी इस्तिताअत के मुताबिक अपनी वालिदा का इकराम किया है। यासर शाहीन ने कहा, मां की नसीहत के बाद मैंने खुद को तालीमी कामों में मसरूफ कर दिया। मैंने कैलीफोर्निया की सानहोजे यूनीवर्सिटी में फैकल्टी मेंबर के तौर पर काम किया और मुतअद्दिद मुकाबलों में हिस्सा लिया जिसकी वजह से में अल कलाम प्रोग्राम तक पहुंच गया और आलमी कुरानी आवाजों में से एक बन गया।
यासर शाहीन ने अपने अजीम तखय्युल की बदौलत फिल्मसाजों को उनकी पसंदीदा महारतों में काम दिया। यासर ने ऐसे इलाकों में प्रोग्रामों में भी शिरकत की जहां तक पहुंचने में बहुत से अरब नजाद अमरीकी महरूम रहे। ये आलमी तजुर्बात यासर की जिंदगी का हिस्सा बन गए। वाजेह रहे कि अल कलाम रमजान के टीवी प्रोग्रामों में सबसे नुमायां प्रोग्राम है। इसमें दुनियाभर से अफराद को वहीं के कलिमात की तिलावत और अजान के लिए मदऊ किया जाता है। इस मसाबका में हिस्सा लेने वालों को 12 मिलियन रियाल के इनामात से नवाजा जाएगा। मसाबका के पहले मरहले में पूरी दुनिया से 50 हजार से ज्यादा अफराद ने हिस्सा लिया।
आखिरी मरहला में 50 अफराद को मुंतखब किया गया है। ये अफराद तिलावत और अजान की दो कैटिगरीज में मसाबका में हिस्सा ले रहे हैं। हर कैटिगरी में पहले दस पोजीशन्ज पर आने वालों को नकद इनाम दिया जाएगा। तिलावत कुरआन-ए-करीम की कैटिगरी में पहली पोजीशन पर आने वाले के लिए 30 लाख रियाल इनाम है। अजान में पहली पोजीशन लेने वाले को 20 लाख रियाल इनाम से नवाजा जाएगा।