استخارہ کی دعا
اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْتَخِيرُكَ بِعِلْمِكَ وَأَسْتَقْدِرُكَ بِقُدْرَتِكَ وَأَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ الْعَظِيمِ فَإِنَّكَ تَقْدِرُ وَلَا أَقْدِرُ وَتَعْلَمُ وَلَا أَعْلَمُ وَأَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوبِ اللَّهُمَّ إِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الْأَمْرَ خَيْرٌ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي فَاقْدُرْهُ لِي وَيَسِّرْهُ لِي ثُمَّ بَارِكْ لِي فِيهِ وَإِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الْأَمْرَ شَرٌّ فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي فَاصْرِفْهُ عَنِّي وَاصْرِفْنِي عَنْهُ وَاقْدُرْ لِيَ الْخَيْرَ حَيْثُ كَانَ ثُمَّ ارْضِنِي بِهِ
ए अल्लाह बे-शक मैं तुझसे तेरे इलम के साथ भलाई तलब करता हूँ और तुझसे तेरी क़ुदरत के साथ ताक़त तलब करता हूँ और मैं तुझसे तेरे फ़ज़ल अज़ीम का सवाल करता हूँ क्योंकि तू क़ुदरत रखता है और मैं क़ुदरत नहीं रखता , तू जानता है और मैं नहाएं जानता और तो ग़ैबों को ख़ूब जानता है। ए अल्लाह अगर तू जानता है कि बे-शक ये काम (इस काम का नाम ले मेरे लिए मेरे दीन , मेरे मआश और मेरे अंजाम कार के लिहाज़ से बेहतर है तो इस का मेरे हक़ में फ़ैसला कर दे और उसे मेरे लिए आसान कर दे , फिर मेरे लिए इस में बरकत डाल दे और अगर तू जानता है कि बे-शक ये काम (इस काम का नाम ले मेरे लिए मेरे दीन, मेरे मआश और मेरे अंजाम कार के लिहाज़ से बुरा है तो उसे मुझसे दूर कर दे और मुझे इस से दूर कर दे और मेरे लिए भलाई का फ़ैसला कर दे जहां भी वो हो , फिर मुझे इस पर राज़ी कर दे
रिज़्क़ में बरकत की दुआ
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ عَبْدِكَ وَرَسُولِكَ وَعَلَى الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ وَعَلَى الْمُسْلِمِينَ وَالْمُسْلِمَاتِ