नई तहरीक : दुर्ग
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ श्री सुविहित प्रतिष्ठा समिति के तीसरे दिन जन्म कल्याणक दिवस मनाया गया। आचार्यों का आचार सुरीपद रत्नत्रय को प्राप्त करने वाला तृतीय दिवस प्रभु का जन्म कल्याणक विधान, सदर जैन मंदिर में परम पूज्य आचार्य देवेश खरतर गच्छधिपति श्री जिनमणि प्रभ सुरिस्वर जी महाराज साहब, आचार्य द्वय एवं साधु-साध्वी भगवंती मिश्रा में भक्ति संगीत के माध्यम से मनाया गया। अयोध्या नगरी में 56 दिक कुमारी महोत्सव, इंद्रासन कंपन, सुघोषा घण्ट वादन, इंद्र महोत्सव, मेरु पर्वत पर अभिषेक का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस मौके पर संजीव मेहंदी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शहर की महिला मंडल द्वारा संगीत-नृत्य की प्रस्तुति दी गई। रात्रि सांस्कृतिक भक्ति भावना का कार्यक्रम हुआ जिसमे जैन संगीत सम्राट नरेन्द्र जी वाणी गोता द्वारा अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम हुआ। आचार्य देवेश श्री जिनमणि प्रभ सुरेश्वर जी महाराज साहब ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा, दुर्ग नगर में उत्साह, उल्लास का वातावरण है। सभी में आनंद, उत्साह है। परमात्मा का जन्म कल्याणक महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया। 14 फरवरी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा, प्रेम, आपसी एकता व भाईचारा से आनंद उत्सव के साथ जीवन को सार्थक बनाएं। हमें परमात्मा का हाथ पकड़कर परमात्मा से प्रेम करना है। जगत के लोगों से नहीं, द्रव्य से नहीं, परमात्मा से प्रेम वही करता है जो स्वयं से प्रेम करता है। आज परमात्मा का जन्म कल्याणक दिवस है, एवं प्रतिष्ठा महोत्सव में जीवन को मंगल प्रभु आदिनाथ की भक्ति से जुड़ना एवं जीवन को सार्थक बनाने में पुरुषार्थ करना है। चतुर्थ दिवस में सुबह परमात्मा के 18 अभिषेक, ध्वजदंड, कलश, मंदिर मे सम्पन होंगे, अयोध्या नगरी में सुबह 9 बजे प्रियवंदा दासी द्वारा बधाई, नाम स्थापना पाठशाला गमन का कार्यक्रम संपन्न होगा एवं रात्रिकालीन आरती भक्ति संगीत का कार्यक्रम संगीतकारों द्वारा किया जाएगा। दोपहर को आदिनाथ पंच कल्याणक की पूजा की जाएगी।
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ श्री सुविहित प्रतिष्ठा समिति के तीसरे दिन जन्म कल्याणक दिवस मनाया गया। आचार्यों का आचार सुरीपद रत्नत्रय को प्राप्त करने वाला तृतीय दिवस प्रभु का जन्म कल्याणक विधान, सदर जैन मंदिर में परम पूज्य आचार्य देवेश खरतर गच्छधिपति श्री जिनमणि प्रभ सुरिस्वर जी महाराज साहब, आचार्य द्वय एवं साधु-साध्वी भगवंती मिश्रा में भक्ति संगीत के माध्यम से मनाया गया। अयोध्या नगरी में 56 दिक कुमारी महोत्सव, इंद्रासन कंपन, सुघोषा घण्ट वादन, इंद्र महोत्सव, मेरु पर्वत पर अभिषेक का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस मौके पर संजीव मेहंदी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शहर की महिला मंडल द्वारा संगीत-नृत्य की प्रस्तुति दी गई। रात्रि सांस्कृतिक भक्ति भावना का कार्यक्रम हुआ जिसमे जैन संगीत सम्राट नरेन्द्र जी वाणी गोता द्वारा अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम हुआ। आचार्य देवेश श्री जिनमणि प्रभ सुरेश्वर जी महाराज साहब ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा, दुर्ग नगर में उत्साह, उल्लास का वातावरण है। सभी में आनंद, उत्साह है। परमात्मा का जन्म कल्याणक महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया। 14 फरवरी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा, प्रेम, आपसी एकता व भाईचारा से आनंद उत्सव के साथ जीवन को सार्थक बनाएं। हमें परमात्मा का हाथ पकड़कर परमात्मा से प्रेम करना है। जगत के लोगों से नहीं, द्रव्य से नहीं, परमात्मा से प्रेम वही करता है जो स्वयं से प्रेम करता है। आज परमात्मा का जन्म कल्याणक दिवस है, एवं प्रतिष्ठा महोत्सव में जीवन को मंगल प्रभु आदिनाथ की भक्ति से जुड़ना एवं जीवन को सार्थक बनाने में पुरुषार्थ करना है। चतुर्थ दिवस में सुबह परमात्मा के 18 अभिषेक, ध्वजदंड, कलश, मंदिर मे सम्पन होंगे, अयोध्या नगरी में सुबह 9 बजे प्रियवंदा दासी द्वारा बधाई, नाम स्थापना पाठशाला गमन का कार्यक्रम संपन्न होगा एवं रात्रिकालीन आरती भक्ति संगीत का कार्यक्रम संगीतकारों द्वारा किया जाएगा। दोपहर को आदिनाथ पंच कल्याणक की पूजा की जाएगी।