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कंजूस मां-बाप दूध पीते बच्चे को हवाई अड्डे पर छोड़ गए

Airport
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बैतुल-मुकद्दस :
इसराईल में कंजूस मां-बाप ने हवाई अड्डे पर अपने दूध पीते बच्चे को टिकट ना होने पर चेक एनकाउंटर पर छोड़ गए और खुद जहाज पर सवार होकर अपने अगले सफर पर रवाना हो गए। 
    ये वाकिया इसराईली राजधानी तेल अबीब के बिनगोरीन हवाई अड्डे पर पेश आया, जहां वालदैन ने अपने बच्चे को चेक एनकाउंटर पर छोड़ दिया। बच्चे के लिए अलग टिकट खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इसलिए बच्चे को वहीं छोड़कर वे आगे बढ़ गए थे। अमरीकी न्यूज एजेंसी सीएनएन के मुताबिक उस जोड़े ने बच्चे को उस वक़्त काउंटर पर छोड़ दिया, जब उन्होंने बिन गोरीन इंटरनेशनल हवाई अड्डे से बेलजियम के शहर ब्रूसेल्ज जाने वाली उड़ाने में चेक इन किया। 
    मियां बीवी नौजाईद बच्चे के सफर के लिए टिकट नहीं ले सके थे। कुछ रिपोर्टस में कहा गया है कि चेक इन काउंटर बंद होने के बाद, फैमिली देर से पहुंची थी और वो या तो अपने बच्चे के लिए टिकट खरीदने से मजबूर थे या उनके पास पैसे नहीं थे। जब चेक इन एजेंट को एहसास हुआ कि एक नौजाईदा बच्चे को उसकी बच्चा गाड़ी ही में छोड़ दिया गया है तो हवाई अड्डे की सिक्योरिटी को बुलाया गया, जिसने मां-बाप का सुराग लगा कर उन्हें हिरासत में ले लिया। 
    बताया जाता है कि बच्चे के मां-बाप को पूछताछ के लिए ले जाया गया है। इसराईली एयरपोर्ट अथार्टी ने सीएनएन को बताया कि बेलजीम के पासपोर्ट के साथ एक जोड़ा बगैर टिकट पहुंचे था। फ्लाइट का चेक इन बंद होने के बाद जोड़ा भी उड़ान के लिए देर से पहुंचा। जोड़े ने बच्चे को उसकी बच्चा गाड़ी में छोड़ दिया और उड़ान के लिए बोर्डिंग गेट तक पहुंचने की कोशिश में टर्मीनल 1 पर सिक्योरिटी चेक की तरफ भाग गए। वाजेह हो कि रिजर्वेशन के अमल के दौरान दूध पीते बच्चों को शामिल किया जा सकता है। बालिगों की गोद में बैठने की सूरत में बच्चे की हर एक तरफ की परवाज के लिए 27 डालर लिए जाते हैं। 

बिजली चोरी : 18 साल बाद इकराम को सुप्रीमकोर्ट ने रिहा किया 

नई दिल्ली : यूपी में बिजली चोरी के 9 मुकद्दमात में 18 साल की सजा भुगत रहे एक शख़्स को सुप्रीमकोर्ट ने रिहा कर दिया है। अदालत उज्मा ने शख़्सी आजादी और बुनियादी हुकूक के तहफ़्फुज को रिहाई की बुनियाद करार दिया और कहा कि अगर हम जाती आजादी के मुआमलात में मुदाखिलत नहीं करेंगे, तो ये इन्साफ की तनज्जुली होगी। चीफ जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ ने कहा कि अगरचे कोई भी मुआमला छोटा या बड़ा नहीं होता, लेकिन अगर हम शख़्सी आजादी से जुड़े इस तरह के मुआमलात में कुछ नहीं करते, तो फिर हमारे यहां बैठने का क्या फायदा। हम यहां ऐसे लोगों की सिसकियां सुनने ही तो आए हैं और इसलिए हम रातों को जागते हैं। 
    दरअसल इकराम नामी शख़्स को 2019 में गिरफ़्तार किया गया था। उस पर बिजली चोरी के 9 मुकद्दमात थे। ट्रायल कोर्ट ने सभी नौ मामले में उसे 2-2 साल की सजा सुनाई और कहा कि ये सजाएं यके बाद दीगरे चलेंगी। इस तरह उसे 18 साल की सजा सुनाई गई। हाईकोर्ट ने उनकी अपील मुस्तर्द कर दी कि सजाएं एक साथ नहीं चलनी चाहिए। अब सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को कुलअदम करार दे दिया है। समाअत के दौरान सीजेआई चन्द्रचूड़ ने यूपी हुकूमत से कहा कि क्या आप इस शख़्स को बिजली चोरी में 18 साल तक जेल में रखना चाहते हैं, बिजली चोरी का मुकद्दमा कतल के बराबर नहीं होता।
22 रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
14 फरवरी 2023
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