3 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
24 फरवरी 2023
24 फरवरी 2023
-------------------------------------
दुबई : चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने चाइना अर्थ वर्क़्स सेंटर का हवाला देते हुए कहा कि ताजिकस्तान में सुबह 8 बज कर 37 मिनट और जीएमटी वक़्त के मुताबिक 00 बज कर 37 मिनट पर खतरनाक जलजला आया है। जलजले की गहराई 10 किलोमीटर थी। टेलीविजन ने बताया कि जलजले का केंद्र चीन की सरहद से करीब मुकाम से 82 किलोमीटर के फासले पर था और उसे चीनी सूबे सिंकियांग के मगरिबी जानिब काशगर और इरतश शहरों के रिहायशियों ने महसूस किया।
जलजले की जद में आने वाले इलाके में ज्यादा आबादी नहीं है तो भी इस इलाके में काफी है जिसका मतलब है कि बांध टूटने का खदशा है और इसी आधार पर बहुत से मुल्कों में बड़े इलाकों को सैलाब आने का सामना करना पड़ सकता है। अमरीकी ज्यूलोजीकल सर्वे ने ऐलान किया कि जलजले का केंद्र 20.5 किलोमीटर की गहराई में था और रिएक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 6.8 थी। उनके अंदाजों से जाहिर होता है कि इस जलजले के नतीजे में इंतिहाई कम आबादी वाली जगहों को लैंड सलाईडिंग का खतरा है। जलजले के बाद सिर्फ 20 मिनट ही हुए थे कि 5 तीव्रता का आफटर शाक आया।
बांध टूटने का डर
बदखशां का इलाका बहुत कम आबादी वाला है जिसे चारों तरफ से शानदार पामीर पहाड़ों ने घेरा हुआ है। सारीज झील 1911 में जलजले के नतीजे में बनी थी। ये ताजिकस्तान की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। झील सारीज के पीछे पामीर पहाड़ों के केंद्र में एक कुदरती डैम है। विशेषज्ञों ने खबरदार किया है कि अगर ये डैम टूट गया तो उसके नतीजे तबाहकुन होंगे। मध्य एशिया के ज्यादातर मुल्कों की तरह ताजिकस्तान में कुदरती आफात का बहुत ज्यादा खतरा रहता है। ये मुल्क अक्सर सैलाब, जलजले, लैंड सलाईडिंग, बर्फ़ानी हवाएं और बरफबारी का का सामना करते रहते हैं। 15 फरवरी को बदखशाँ में बर्फ़ानी टुकड़े गिरने से 9 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ था।मिस्र : सिकंदरीया के आसमान पर अजीब सा नीला रंग दिखा, लोग जलजले के खौफ में मुबतला
काहिरा : शुमाली मिस्र में सिकंदरीया के आसमान में एक अजीब नीले रंग के नमूदार होने से खौफ-ओ-हिरास फैल गया, खासतौर पर ये मंजर कई इलाकों में नजर आया, मिस्री रिहायशियों ने पीर की शाम आसमान पर नीला रंग देखा। सोशल मीडीया ने सिकंदरीया के आसमान में एक अजीब नीले रंग की जाहिरी शक्ल की तसावीर बड़े पैमाने पर शेयर कीं। सोशल मीडिया ने खबरदार भी किया कि तुरकिया में हालिया जलजले से पहले ऐसे ही मुनाजिर देखे गए थे। इस सूरत-ए-हाल में सिकंदरीया और मिस्र के शहरीयों में भी खौफ फैल गया।साहिली मिस्री के मुख़्तलिफ इलाकों में ये मंजर मुतअद्दिद (कई) मर्तबा देखा गया। लोगों ने खदशा जाहिर किया कि ये मुनाजिर जलजला के करीब आने की निशानदेही कर रहे हैं। दूसरी तरफ माहिरीन ने कहा है कि आसमान पर ऐसे नज्जारे देखकर जलजलों की पेशगोई नहीं की जा सकती। मिस्र में मेटरोलोजीकल अथार्टी के मीडीया सेंटर के रुक्न डाक्टर महमूद अलकियाती ने कहा है कि अथार्टी ने सिकंदरीया शहर के आसमान में नीली रोशनी की मौजूदगी के हवाले से मुवासलाती वेबसाइट्स पर शाइआ पोस्ट देखा है। हालांकि इलाकाई मरकज ने आसमान पर ऐसे मुनाजिर न देखे जाने की बात कही है। डाक्टर महमूद ने मजीद कहा कि इबतिदाई वार्निंग सेंटर में सेटेलाइट की तसावीर देखकर भी इस मुआमले का पता नहीं चला। उन्होंने कहा ये कोई मौसमियाती रुजहान नहीं है और इसमें कोई मसला नहीं है। उन्होंने मिस्री मीडीया को बताया कि अगर हलवान में फलकियात के इंस्टीटियूट ने इससे मुताल्लिक कोई चीज नहीं देखी तो बड़ा इमकान है कि इस जगह पर गेम्ज या किसी लेजर डिवाईस की वजह से आसमान पर नीला रंग नजर आया हो।
nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav