दिल्ली हाईकोर्ट जारी किया हुक्म
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रेड मार्क की खिलाफवरजी के मुकद्दमा की समाअत के दौरान अमेजोन इंडिया को पाकिस्तानी रूह अफ़्जा फरोखत करने से रोक दिया है।
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Rooh Afza |
अदालत ने कहा कि प्रोडक्शनज और रिकार्डशुदा हकायक को मद्दे नजर रखते हुए, मुद्दआलैह नंबर 2 के साथ-साथ मजकूरा दुकानदारों के खिलाफ आर्टीकल 38 (ए) के लिहाज से मुकद्दमा का फैसला किया जाएगा। अदालत ने कहा, इसका मतलब ये है कि जो प्रोडक्ट्स एक ही नाम के हैं, या जो पाकिस्तान में तैयार किए जाते हैं, वो हिन्दोस्तान में अमेजोन पर फरोखत नहीं किए जा सकते हैं। ये भी देखते हुए कि रूह अफ़्जा हिन्दोस्तान में एक सदी से ज्यादा अर्से से फरोखत हो रहा है, अदालत ने अमेजोन इंडिया से पाकिस्तान में बनी दीगर मसनूआत को हटाने को भी कहा है। दरखास्त के मुताबिक रूह अफ़्जा अमेजोन पर फरोखत किया जा रहा था लेकिन बेचने वाला उनकी तफसीलात जाहिर नहीं कर रहा था। अदालत ने दलील के इस हिस्से की समाअत करते हुए कहा कि अमेजोन की जिÞम्मेदारी है कि वो फरोखत करने वाले के नाम जाहिर करे।
हकीम अब्दुल मजीद ने ताअर्रुफ कराया था रूह अफ्जा
वाजेह हो कि हकीम अब्दुल मजीद ने रूह अफ़्जा मुतआरिफ करवाया था, लेकिन तकसीमे हिंद के बाद अब्दुल मजीद के बड़े लड़के हिन्दोस्तान में रहे, लेकिन उनके दूसरे बेटे ने हिजरत करने का फैसला किया और पाकिस्तान चले गए और वहां हमदर्द लेबोरेटरीज (वक़्फ) का आगाज किया, इसी तरह हमदर्द की दीगर मसनूआत की तरह हमदर्द पाकिस्तान (वक़्फ) भी अपनी मसनूआत तैयार करता है, जिसकी मिसाल आलमगीर शोहरत याफता शरबत रूह अफ़्जा है।
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