चीन में बच्चे कम, बुजुर्गों की तादाद ज्यादा
लंदन : आईएनएस, इंडिया
तांग हूजान, चीन से ताल्लुक रखने वाले एक साफ्टवेयर डेवेलपर हैं। बीजिंग के नवाह में वो अपनी फैमिली के साथ रहते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा खुशी अपनी दो साल की बेटी के साथ खेलते हुए वक़्त गुजार कर हासिल होती है। वो बच्चों से बहुत प्यार करते हैं लेकिन उनके मुताबिक इस बात का कम ही इमकान है कि वो एक और बच्चा पैदा करेंगे। ताँग और उन जैसे अनगिनत लोगों के ऐसे फैसले ना सिर्फ चीन बल्कि दुनिया में आबादी के आदाद-ओ-शुमार पर असरअंदाज हो रहे।
संयुक्त राष्टÑ की तफसील के मुताबिक दुनिया की आबादी आठ अरब तक पहुंच गई है। आयंदा बरसों में आबादी के मामले में कई ऐसी तबदीलियां आने वाली हैं जो बहुत कुछ बदल कर रख देंगी। 39 साल के ताँग के मुताबिक उनके कई शादीशुदा दोस्तों का उनकी तरह सिर्फ एक बच्चा है और वो ज्यादा बच्चे पैदा करने का इरादा नहीं रखते। यही नहीं, बच्चे पैदा करना तो दूर, नौजवान शादी करने में भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
भारी पड़ रहा बच्चों की परवरिश का खर्च
न्यूज एजेंसी राइटर्ज के मुताबिक बच्चों की देख-भाल पर आने वाला खर्च जेब पर भारी पड़ने लगा है। इसकी वजह से चीन में शादीशुदा जोड़े बच्चे पैदा नहीं कर रहे हैं। चीन में अक्सर खानदानों में मियां बीवी काम करते हैं और उन्हें बच्चों की देख-भाल के लिए दादा-दादी या नाना-नानी की मदद भी नहीं मिल पाती क्योंकि वो उनसे बहुत दूर रहते हैं। चीन कई दहाईयों से बढ़ती आबादी को रोकने के लिए कोशिश कर रहा था।
आबादी के लिहाज से चीन से आगे बढ़ जाएगा भारत
चीन की बढ़ती आबादी को देखते हुए 1980 से 2015 तक सख़्ती के साथ वन चाइल्ड पालिसी पर अमल कराया गया। इसकी वजह से चीन की आबादी कंट्रोल भी हुई। आबादी के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा मुल्क रहे चीन को लेकर संयुक्त राष्टÑ ने ये उम्मीद जाहिर की है कि चीन की आबादी आइन्दा बरस से सिकुड़ना शुरू हो जाएगी और भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला मुल्क बन जाएगा। आबादी के आदाद व शुमार में तबदीली के असर पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना वाइरस के दौरान पेश आने वाली मुश्किलात और चीनी हुकूमत के उन पर काबू पाने के लिए किए गए कड़े कदम ने लोगों की बच्चे पैदा करने की खाहिश को मुतास्सिर किया है। एक्सपर्ट के मुताबिक इस बरस चीन की तारीख में सबसे कम बच्चे पैदा हुए हैं। चीन में इस बरस पैदा होने वाले बच्चों की तादाद एक करोड़ से भी नीचे आ चुकी है। जबकि गुजिश्ता बरस ये तादाद एक करोड़ छ: लाख थी। चीन ने गुजिश्ता साल से तीन तक बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी है और मुनासिब पैदाईश दर के लिए जरूरी कदम उठाने का ऐलान भी किया है।
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