हुसैन बिन अली मैडल हाश्मी सलतनत अरदन में सबसे ज्यादा कीमती सिविल एवार्ड है जो उन बादशाहों, शहजादों और सरबरहान-ए-ममलकत को दिया जाता है, जिनके बादशाह के साथ मजबूत और मुमताज ताल्लुकात उस्तवार हैं
रियाद : मंगल की शाम अरदन के फरमांरवा शाह अब्दुल्लाह दोम ने सऊदी वली अहद बिन सलमान को 'हुसैन बिन अली’ मैडल पेश किया, जोकि दोनों ममालिक के दरमयान मजबूत तारीखी ताल्लुकात का एक मुजस्समा है।
तमगा हाश्मी सलतनत अरदन में सबसे ज्यादा कीमती सिविल ऐवार्ड है जो बादशाहों , शहजादों और सरबरहान-ए-ममलकत को दिया जाता है। सन 2017 में शाह अब्दुल्लाह दोम ने खादिम हरमैन शरीफैन शाह सलमान बिन अबदुल अजीज को शरीफ उल-हुसैन बिन अली मैडल अता किया, मक्का शरीफ शाह हुसैन बिन अली की निसबत से तैयार करदा तमगा अल हुसैन बिन अली अरदन की हाश्मी सलतनत में घुड़सवारी का सबसे बड़ा टाइटल है जिसे शाह अब्दुल्लाह अव्वल बिन अल हुसैन ने 22 जून 1949 को खैराती शोबों और गैर मुल्की सरबरहान-ए-ममलकत को इनाम देने में मुस्तहिक कारकुनों को ये इनाम देने के लिए कायम किया था। जहां तक स्कार्फ़ का ताल्लुक है तो उसे शाह हुसैन बिन तलाल ने 23 सितंबर 1967 को पेश किया था। फिलहाल ये तमगा शाह अब्दुल्लाह दोम बिन अल हुसैन उन लोगों को देते हैं जो अखलाकी इमदाद या अवाम की खिदमत में रजाकाराना तौर पर काम करते हैं।
मैडल डिग्रियों में पेश किया जाता है जहां उसे स्कार्फ़ और कालर के साथ या सिर्फ स्कार्फ़ के साथ पेश किया जाता है। मेडल में सोने की डबल जंजीरों से तैयार करदा बीच में पाँच सितारे होते हैं और अरबी ऊंट के साथ सोने से मुजय्यन छोटे सुर्ख़ फूल बनें होते हैं। और बैजवी शक्ल में सोने और हीरों से बनाया जाता है। इसके बीच में एक सुर्ख़ डिस्क के साथ अरबी में एक जुमला लिखा हुआ है जिसे स्कार्फ़ के साथ सुनहरी शाही ताज से जोड़ा गया है।