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नई दिल्ली : मेजोरम में रियास्ती इंसानी वसाइल के तरक़्कीयाती बोर्ड ने शुमाल मशरिकी रियासत के तमाम सरकारी स्कूलों के लिए यकसां यूनीफार्म तजवीज किया है। रियास्ती वजीर-ए-तालीम लाल चंदमा रालते की जेरे सदारत एक हालिया मीटिंग में बोर्ड के वाइस चेयरमैन ईल थनगा माविया ने तमाम सरकारी स्कूलों के लिए यकसां स्कूल यूनीफार्म मुतआरिफ कराने का मश्वरा दिया है। उन्होंने कहा कि एचआरडी बोर्ड इस हफ़्ते बाजाबता तौर पर रियास्ती महकमा तालीम को अपनी तजवीज पेश करेगा। माविया ने कहा कि यकसां स्कूल यूनीफार्म मुतआरिफ कराने की बुनियादी वजह शहरी और देही दोनों इलाकों में अमीर और मआशी तौर पर कमजोर तलबा के लिबास में मुसावात पैदा करना था। यूनीफार्म स्कूल यूनीफार्म कोई नई बात नहीं है और कुछ रियास्तों में और मेजोरम के चर्च के तहत तमाम इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पहले से नाफिज है। माविया ने कहा कि अगर सादा यूनीफार्म मुतआरिफ कराया जाये तो ऐसे तलबा को नए सेट खरीदे बगैर दूसरे सरकारी इदारों में शामिल होने में मदद मिलेगी जिनके वालदैन एक जगह से दूसरी जगह मुंतकिल होते रहते हैं। ताहम उन्होंने कहा कि स्कूल यूनीफार्म का रंग निचली सतह से लेकर आला सतह तक मुख़्तलिफ हो सकता है। उन्होंने मजीद कहा कि ये हो सकता है कि प्राइमरी स्कूलों में इस्तिमाल होने वाले स्कूल यूनीफार्म मिडिल, हाई और हायर सेकण्डरी लेवल पर इस्तिमाल होने वाले यूनीफार्म से मुख़्तलिफ हों, उन्होंने कहा कि हियूमन रिसोर्स डेवलपमंट बोर्ड की मीटिंग में तमाम सरकारी और निजी स्कूलों से अपील करने पर इत्तिफाक हुआ है।
मुस्लिम बच्चों को तरक़्की की रफ़्तार से जोड़ कर उन्हें खुदमुखतार बनाने की जरूरत : हाजी अमीन निजामी
नई दिल्ली : सोशल वर्कर हाजी अमीन उद्दीन निजामी ने अपने सहाफती बयान में मुख़्तलिफ सर्वे के हवाले से कहा कि बिहार मुदर्रिसा एजूकेशन बोर्ड के तहत जो इल्म व तदरीस के फराइज अंजाम दिए जा रहे हैं, वो ना सिर्फ काबिल-ए-सताइश हैं, बल्कि पूरे मुल्क की रियास्तों के लिए एक नमूना है। उन्होंने बताया कि बिहार मुदर्रिसा बोर्ड एजूकेशन के बैनरतले रिवायती कोर्सेज के साथ-साथ एक जदीद और मेन एस्ट्रीम निसाब को शामिल किया गया है, ताकि तलबा को दीनी-ओ-दुनियावी तालीम के साथ मौजूदा वक़्त के साथ चल सकें, जो आज मुआशरा और वक़्त की अहम तरीन जरूरत है।
अमीन उद्दीन निजामी ने मजीद कहा कि मुदर्रिसा के निजाम को जदीद बनाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। जदीद तालीम उन मुस्लिम बच्चों को तरक़्की पसंद, समाजी व सियासी वजन से आरास्ता करेगी, साथ ही उन्हें रोजगार तलाश करने और हिन्दोस्तान के मर्कजी धारे में शामिल होने में मदद फराहम करेगी। हुकूमत की भी कोशिश है कि बेहतर तालीमी निजाम हो और लाखों बच्चों का मुस्तकबिल खुशहाल व रोशन हो। उन्होंने ये भी कहा कि आज बिहार में दीनी तालीम के साथ-साथ अंग्रेजी, हिन्दी, हिसाब और साईंस की आला तालीम दी जा रही है, जिससे मुस्लिम बच्चों का रोशन मुस्तकबिल नजर आ रहा है और उम्मीद है कि उनकी राहें भी मजीद आसान होती जाएँगी। उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि वो मदरसों के साथ-साथ साईंसी मालूमात के साथ मौजूदा दौर में जदीद टेक्नालोजी से आरास्ता हों, जो वक़्त की जरूरत है।