यूके्रन में हिंदूस्तानियों की आबादी तकरीबन 20 हजार
कैफ । आईएनएस, इंडिया
काफी अर्से से अंदाजा लगाया जा रहा था कि यूक्रेन में हालात बिगड़ सकते हैं लेकिन अब तक वहां भारती शहरियों की वापसी का इंतिजाम नहीं किया गया। सिर्फ एडवाइजरी जारी होती रही। अब तलबा और उन के गार्जियन परेशान हैं। अपोजीशन के दबाव के बाद यूक्रेन में रूसी हमले के बाद फंसे भारत का पहला ग्रुप जुमा को सरहद के रास्ते रुमानीया पहुंचा। रुमानीया पहुंचने वालों में ज्यादातर तलबा हैं और उनकी तादाद तकरीबन 470 है। अब इन तमाम को रुमानीया के दार-उल-हकूमत भेजा जा रहा है। जहां से उन्हें भारत वापस लाया जाएगा। वजारत-ए-खारजा के तजुर्मान अरिन्दम बागची ने ट्वीट करके ये इत्तिला दी। रूस ने दूसरे रोज भी यूक्रेन के दार-उल-हकूमत कैफ और दीगर शहरों पर फिजाई हमले किए हैं। इस वजह से लोग मुसलसल यूक्रेन छोड़ रहे हैं। अकवाम-ए-मुत्तहिदा का दावा है कि तकरीबन 50 हजार लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। यूक्रेन में तकरीबन 20 हजार हिन्दुस्तानी हैं। उनमें ज्यादातर तलबा हैं। उनकी वापसी के लिए मुसलसल कोशिशें जारी हैं। यूक्रेन ने रूसी फौजी हमले के बाद अपनी फिजाई हदूद बंद कर दी हैं। हिन्दोस्तान समेत रुमानीया, हंगरी, स्लोवाक रीपब्लिक और पोलैंड की जमीनी सरहदों के जरीये हिंदूस्तानियों को निकालने पर तवज्जो दे रहा है। इससे कब्ल जुमेरात को वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की बिगड़ती सूरत-ए-हाल के दरमयान जुमेरात को रूसी सदर व्लादीमीर पुतिन से टेलीफोनिक बातचीत की और तमाम फरीकों से तशद्दुद को खत्म करने और सिफारती बातचीत का रास्ता इखतियार करने की अपील की। इस दौरान हिन्दुस्तानी लोगों की वापसी पर भी बात हुई।
खाना और पानी का भी बोहरान
- यूक्रेन के शहर कैफ में फंसे तलबा परेशान
- हुकूमत से मदद की अपील
नई दिल्ली : जहां एक तरफ रूस और यूक्रेन के दरम्यान जंग के चार दिन मुकम्मल होने को हैं, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में फंसे हिन्दुस्तानी तलबा की हालत बद से बदतर होती जा रही है। यूक्रेन के मुख़्तलिफ शहरों से ताल्लुक रखने वाले हिन्दुस्तानी तलबा अपने अहिले खाना को वीडियोज भेजकर मदद की दरखास्त कर रहे हैं। यूक्रेन के दार-उल-हकूमत कैफ में फंसे इन बच्चों के अहिले खाना मीडिया के जरीये हुकूमत से अपील कर रहे हैं कि उनके बच्चों को वहां से बाजयाब कराया जाए। बिहार के मोतीहारी के रहने वाले सत्य वीर प्रताप सिंह ने कहा है उनकी बेटी वैष्णवी सिंह कैफ में रहती है। वो और सात दीगर बच्चे गुजिश्ता तीन दिनों से उसके साथ अपार्टमंट के नीचे एक बंकर में छुपे हुए हैं। चारों तरफ बम बरस रहे हैं। बच्चे खौफजदा हैं, उनके पास खाना और पानी खत्म होने वाला है। सिंह ने बताया है कि बच्चों ने वीडियो शेयर कर अपने बंकर की सूरते हाल बताई है। सिंह ने कहा कि बच्चे बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि करीब का पुल भी टूट गया है। बच्चे रुमानीया से वापिस आ सकते हैं लेकिन हुकूमत की मदद के बगैर कैफ से रुमानीया नहीं लाए जा सकते। वहां के हालात बहुत खराब हैं। विश्नोई के साथ बंकर में फंसे एक और तालिबे इल्म निकोल खंडेलवाल ने वीडियो भेज कर कहा है कि हमारे पास पानी और राशन की कमी है। जो दुकानें पहले खुली थीं, वो भी अब बंद हो गई हैं। जहां हम कयाम पजीर हैं, वहां 5 किलोमीटर के दायरे में आधे घंटे में दो बम धमाके हुए हैं