गवर्नर का जवाबी हमला, वजीरों के जाती मुलाजमीन पर सवाल उठाए
तिरुअनंतपुरम : अपोजिशन कांग्रेस की कयादत वाली यूडीएफ ने केराला असेंबली के बजट इजलास में गवर्नर आरिफ मुहम्मद खान के खिलाफ ''वापस जाओ' के नारे लगाए और ऐवान की कार्रवाई का बाईकॉट करने के बाद धरना दिया। अब गवर्नर आरिफ मुहम्मद ने इस हवाले से बयान दिया है। केराला के गवर्नर ने रियासत में वजीरों के जाती मुलाजमीन की जरूरत से ज्यादा तादाद पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि रियासत में वजीरों के पास 20 से ज्यादा प्राईवेट मुलाजमीन हैं। मीडिया से बात करते हुए आरिफ मुहम्मद ने कहा कि मर्कजी काबीना के वजीर की हैसियत से वो सिर्फ़ 11 अहलकारों को तयनात कर सकते थे। लेकिन यहां हर वजीर के अमले में 20 से ज्यादा अरकान होते हैं। उन्होंने कहा कि ये सरासर खिलाफवरजी और अवाम के पैसे का गलत इस्तिमाल है। गवर्नर ने कहा कि केराला में एक स्कीम के मुताबिक प्राईवेट सरकारी मुलाजमीन को पेंशन के फवाइद हासिल करने के लिए दो साल बाद इस्तीफा देना पड़ता है ताकि वो पार्टी (सीपीआईएम) के लिए काम करना शुरू कर सकें। गवर्नर ने कहा कि वो इस स्कीम को मंसूख करना चाहते हैं। उन्होंने कहा मैं यहां इस बात को यकीनी बनाने के लिए हूँ कि सरकारी कारोबार आईन के मुताबिक चलाया जाए। रियास्ती हुकूमत में किसी को भी राजभवन को कंट्रोल करने का हक नहीं है। वर्ना, ये एक आईनी बोहरान को जन्म देगा।
कयादत -नेतृत्व
इजलास -सभा, समारोह
ऐवान- सदन