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पर्दा दस्तूरी और शरई हक : आॅल इंडिया उलमाए हक


 नई दिल्ली : रियासत कर्नाटक से शुरू हो कर पूरे मुल्क में आग की तरह फैल जानेवाले हिजाब मसले पर शदीद रद्द-ए-अमल का इजहार करते हुए आॅल इंडिया तंजीम उलमाए हक के कौमी सदर और मशहूर आलमे दीन मौलाना मुहम्मद एजाज कासिमी ने कहा कि हिजाब या पर्दा एक शरई और इस्लामी हक है, जिसका हमारी मां-बहन और बहू बेटियां अपनी इफ़्फत-ओ-इस्मत के तहफ़्फुज के लिए इस्तिमाल करती हैं, इस हक से मुसलमानान हिंद कभी दस्तबरदार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हमारा वतन-ए-अजीज हिंदुस्तान एक जम्हूरी और सेक्यूलर मुल्क है जिसमें तमाम मजाहिब के पैरोकारों को अपने मजहबी रस्म-ओ-रिवाज और इबादात की अदायगी और अपनी तहजीब-ओ-सकाफ़्त के तहफ़्फुज और इसके अलानिया मुजाहिरे का कानूनी हक फराहम किया गया है, पर्दा या हिजाब के खिलाफ फिरका परस्तों का इजहारे नफरत, तालीमी इदारों में बुरकापोश तालिबात के खिलाफ नोटिस, तालीम-गाहों और क्लासरूम में उनके दाखिले पर पाबंदी या इस पर किसी किस्म की फिरका परस्ताना मुदाखिलत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने मजीद कहा कि पर्दा या हिजाब पर तालीमी इदारों में पाबंदी से पूरी दुनिया में ये मनफी मैसेज जाएगा कि हिंदुस्तान जैसे गंगा जमुनी तहजीब-ओ-सकाफ़्त के हामिल मुल्क में एक मखसूस मजहब के मानने वालों को अपने मजहब और शरीयत के इल्तिजाम से रोका जा रहा है, इस किस्म की कोशिशों से हमारी शबिया आलमी पैमाने पर मुतास्सिर होगी, क्योंकि हमारे दस्तूर-ओ-आईन में ये सराहत मौजूद है कि अपनी मखसूस तहजीब-ओ-सकाफ़्त, मजहब-ओ-अकीदा के इजहार से मुल्क के किसी फर्द को मना नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस मुआमले में सब्र-ओ-जब्त और तहम्मुल-ओ-बर्दाश्त से काम लेने की अपील करते हुए कहा कि अपने आईनी हुकूक के तहफ़्फुज के लिए आवाज उठाना या एहतिजाज करने का हक दस्तूर में फराहम किया गया है, मगर इस मुआमले में इश्तिआल या जजबातीयत से बचने की भी जरूरत है, फिर्कापरस्त और मुस्लिम मुखालिफ अनासिर किसी भी मौका का गलत इस्तिमाल कर सकते हैं, मुआमला अदालत में जेर-ए-गौर है और हमें यकीन-ओ-एतिमाद है कि अदलिया दस्तूरी-ओ-आईनी सराहतों का लिहाज रखते हुए कोई फैसला करेगी। मिली तन्जीमों, दानिशवरों, उलमा और समाजी काइदीन से भी अपील है कि वो अदालत में मजबूती के साथ माहिर वकीलों की मदद से इस मुआमले को सामने रखें, और इस मसले को किसी भी किस्म की जजबातीयत या इश्तिआल का शिकार होने से बचाने और मिल्लत के नौजवानों की सही सिम्त में रहनुमाई करने की कोशिश करें। संजीदगी और तहम्मुल से बड़े बड़े मसाइल का हल निकाला जा है।


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