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मरहूम अतीक़ से मुख़तार तक 7 साल में 10 मुबय्यना गैंगस्टर की पुलिस हिरासत या जेल में हुई मौत

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

'' मेरी रहमत हर चीज को घेरे हुए है तो अनकरीब मैं अपनी रहमत उनके लिए लिख दूंगा जो मुझ से डरते और जकात देते हैं ओर जो हमारी आयतों पर ईमान लाते हैं। ''
- सूरह अल बकरा
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 ✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया

उतर प्रदेश में गुजिश्ता 7 सालों में पुलिस या अदालती हिरासत में मरने वाले गैंगस्टर की तादाद तकरीबन 10 तक जा पहुंची है। इनमें से 7 गैंगस्टर ऐसे हैं, जो सुनवाई या मेडिकल मुआइने के लिए अदालत के अहाते में ले जाने के दौरान गोली लगने से शदीद ज़ख़मी हुए और बाद में वो दम तोड़ गए। बाक़ी तीन की मौत बीमारी की वजह से हुई। 
    फेहरिस्त में ताज़ा-तरीन नाम सियास्तदान मुख़तार अंसारी का है, जो जुमेरात 28 मार्च को बांदा डिस्ट्रिक्ट जेल के अंदर इंतेकाल कर गए। दूसरा नुमायां नाम गैंगस्टर से सियास्तदान बनने वाले अतीक़ अहमद का था जो अपने छोटे भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ के साथ पुलिस हिरासत में की गई फायरिंग में दम तोड़ गया। साबिक़ एमपी अतीक़ अहमद और उनके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ को प्रयाग राज के सरकारी अस्पताल के गेट के बाहर तीन हमला आवरों ने गोली मार कर हलाक कर दिया था। ये वाक़िया लाईव टेलीविज़न पर उस वक़्त पेश आया, जब पुलिस उसे 15 अप्रैल 2023 को तिब्बी मुआइने के लिए ले जा रही थी। तीन मुल्ज़िमान लवलेश तेवारी, शानी सिंह उर्फ़ पूरीनी और अरूण कुमार मोर्य जिन्हें मौके से गिरफ़तार किया गया था, उन्होनें शोहरत हासिल करने के लिए अतीक और अशरफ को मारने की बात कही। अतीक़ के ख़िलाफ़ 100 से ज़ाइद और अशरफ के ख़िलाफ़ 52 मुक़द्दमात दर्ज थे। 
    9 जुलाई 2018 को, गैंगस्टर मना बजरंगी को बागपत जेल के अंदर गोली मार कर हलाक कर दिया गया था। उसे अदालत में पेश किया जाने की तैयारी चल रही थी। कत्ल से चंद घंटे कब्ल ही जौनपूर के रहने वाले बजरंगी को झांसी से बागपत जेल मुंतक़िल किया गया था। एक हफता पहले ही बजरंगी की बीवी सीमा सिंह ने अपने शौहर के कत्ल का शक जाहिर किया था। 
    इल्ज़ाम है कि हाई सिक्योरिटी बैरक में एक कैदी से लड़ाई के बाद उसे गोली मारी गई। बजरंगी के ख़िलाफ़ 24 मुक़द्दमात थे और वो जौनपूर की मारेहू सीट से अपना दल के टिकट पर 2012 के असैंबली इंतिख़ाबात में उममीदवार था। हालांकि उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। उसे मुख़तार अंसारी का क़रीबी समझा जाता था। इलाहाबाद हाईकोर्ट की हिदायात पर सीबीआई बजरंगी कत्ल केस की जांच कर रही है। 
    14 अप्रैल 2021 को तीन गैंगस्टरों मुक़ीम काला, मेराज उद्दीन उर्फ़ मेराज और अंशू डकशट को चित्रकूट जेल के अंदर गोली मार कर हलाक कर दिया गया। इल्ज़ाम था कि अंशू डकशट ने मुक़ीम और मेराज को गोली मार कर क़तल किया था। उसके बाद अंशू डकशट को भी गोलीमार दी गई। तीनों की मुजरिमाना तारीख़ तवील है। पिछले साल 7 जून को, गैंगस्टर और क़तल के मुजरिम संजीव महेश्वरी को 25 साला विजय यादव ने मुबय्यना तौर पर उस वक़्त गोली मार कर हलाक कर दिया था, जब वो अदालती समाअत के लिए डिस्ट्रिक्ट जेल से लखनऊ की अदालत में जा रहा था। 
    पुलिस के मुताबिक़ शामली के रिहायशी संजीव के ख़िलाफ़ 24 मुक़द्दमात दर्ज हैं जिनमें 2005 मैं ग़ाज़ीपूर में बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय का क़तल भी शामिल है। पिछले साल जून में, अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का क़रीबी साथी गैंगस्टर ख़ान मुबारक, ज़िला जेल से ईलाज के लिए मुंतक़िल किए जाने के एक घंटे के अंदर ही हरदोई डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में दम तोड़ गया। मुबारक को क़तल और डकैती के 44 मुक़द्दमात का सामना था। नवंबर 2022 में 31 साला गैंगस्टर मुनीर महताब वाराणसी के एक अस्पताल में ईलाज के दौरान फ़ौत हो गया। बिजनौर की एक अदालत ने उसे एनआईए अफ़्सर के क़तल के इल्ज़ाम में मौत की सज़ा सुनाई गई थी।

लाखों परस्तारों की भीड़ में मुख़तार अंसारी सुपुर्द-ए-ख़ाक

ग़ाज़ीपूर :  उतर प्रदेश के साबिक़ एएलए मुख़तार अंसारी को उनके आबाई वतन ग़ाज़ी पूर में मुहम्मदाबाद में वाके क़ब्रिस्तान में सुपुर्द ख़ाक कर दिया गया। इस मौक़ा पर सख़्त तरीन सिक्योरिटी के इंतिज़ामात किए गए थे जबकि नमाज़-ए-जनाज़े में लाखों लोगों ने शिरकत की। चारों सिम्त इन्सानी सर ही सर नज़र आ रहे थे। 
    ख़्याल रहे कि मरहूम मुख़तार अंसारी की लाश रात को बांदा अस्पताल से ग़ाज़ी पूर लाई गई थी, आज सुबह उनके आबाई मकान पर ग़ुसल दिया गया और फिर जनाज़ा निकला, जिसमें ज़बरदस्त भीड़ थी और लोग ''मुख़तार अंसारी आबाद'' के नारे लगा रहे थे। सुबह 10 बज के 20 मिनट पर नमाज़ जनाज़ा के बाद मुख़तार अंसारी की लाश कब्रिस्तान पहुंची, जहां तदफ़ीन की तैयारीयां पहले से मुकम्मल थीं। मुख़तार अंसारी की लाश को ले जाने वाली एम्बूलैंस के साथ 24 पुलिस गाड़ीयों समेत 26 गाड़ीयों का क़ाफ़िला, प्रयाग राज, भदोही, कौशांबी और वाराणसी जैसे जिलों से होता हुआ ग़ाज़ी पूर पहुंचा था, जहां मुख़तार अंसारी का ख़ौफ़ और एहतिराम था।
    मुख़तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी और बाद में उनकी अहलिया, दो कजिन के साथ, सफ़र के दौरान एम्बूलैंस के अंदर मौजूद थे। मुख़तार अंसारी के मुबय्यना बदनाम माज़ी और हालात की हस्सास नौईयत को देखते हुए यूपी हुकूमत ने सिक्योरिटी ख़दशात के पेश-ए-नज़र इस रास्ते की मंसूबा बंदी की। 
    मरहूम मुहम्मद शहाब उद्दीन, साबिक़ एमपी सीवान का बेटा उसामा शहाब भी मुख़तार अंसारी के जनाज़े में शिरकत के लिए ग़ाज़ी पूर पहुंचा था। जनाज़े के वक़्त अहिल-ए-ख़ाना के अलावा किसी और के क़ब्रिस्तान जाने पर पाबंदी थी। पुलिस इंतिज़ामीया ने हिदायत की थी कि अहिल-ए-ख़ाना के अलावा कोई भी क़ब्रिस्तान नहीं जा सकेगा। ताहम इस दौरान मुख़तार अंसारी के भाई अफ़ज़ाल अंसारी और पुलिस आला हुक्काम के दरमयान नोक झोंक भी हुई, जिसकी वीडीयो सोशल मीडीया पर वाइरल हो रही है। ताहम पुलिस की भारी नफ़री मौक़ा पर मौजूद थी।


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