✒ मुंबई : आईएनएस, इंडियामस्जिद मुहम्मद बिन अबदुल्लाह, अयोध्या (File Photo)
मुंबई में मुक़ीम बीजेपी रहनुमा हाजी अरफात शेख़, मस्जिद मुहम्मद बिन अबदुल्लाह डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा कि अयोध्या में बनने वाली नई मस्जिद हिन्दोस्तान की सबसे बड़ी मस्जिद होगी। राम मंदिर केस में सुप्रीमकोर्ट के फ़ैसले के बाद यूपी हुकूमत की जानिब से मस्जिद के लिए 5 एकड़ ज़मीन दी है।
अयोध्या मस्जिद मुहम्मद बिन अबदुल्लाह डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन हाजी अरफात शेख़ ने तफ़सीली मालूमात देते हुए कहा कि अयोध्या की मुजव्वज़ा मस्जिद में पहली नमाज़ इमामे हरम अदा कराएंगे। हाजी अरफात शेख़ ने दावा किया कि इसकी ख़ूबसूरती ताज-महल को पीछे छोड़ देगी। उन्होंने कहा कि जब शाम होगी तो मस्जिद में चश्मे जारी होंगे। अयोध्या मस्जिद की इमारत भी मज़हब और टेक्नोलोजी का संगम होगी। एक बड़ी वुज़ू ख़ाना की जगह के क़रीब बहुत बड़ा एक्वेरियम होगा, जिसमें मर्दों और औरतों के लिए अलग-अलग हिस्से होंगे। हाजी अरफात शेख़ के मुताबिक़ इस मस्जिद में 5 हज़ार मर्द और 4 हज़ार ख़वातीन समेत 9 हज़ार ज़ाइरीन एक साथ नमाज़ अदा कर सकेंगे। मस्जिद में 5 मीनार होंगे जो इस्लाम के पाँच सुतूनों नमाज़, रोज़ा, ज़कात, तौहीद और हज की अलामत होंगे। उन्होंने बताया कि पूरे मस्जिद काम्प्लेक्स में तिब्बी, तालीमी और समाजी सहूलयात होंगी। इस मस्जिद के अलावा काम्पलेक्स में 500 बिस्तरों पर मुश्तमिल कैंसर हस्पताल, स्कूल और ला कॉलेज, एक म्यूज़ीयम और लाइब्रेरी और मुकम्मल तौर पर वेज किचन भी होगा, जहां आने वालों को मुफ़्त खाना फ़राहम कराया जाएगा।
मई 2024 में होगी तामीर की शुरुआत
इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन ट्रस्ट, जो मस्जिद की तामीर कर रहा है, इस साल फरवरी से दीगर रियास्तों और जिलों में इस प्रोजेक्ट के लिए अतयात जमा करने एक इंचार्ज तैयनात करेगा। ट्रस्ट के चीफ़ ट्रस्टी और उतर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन जाफ़र फ़ारूक़ी ने कहा कि मस्जिद की तामीर मई में शुरू हो जाएगी। फ़ारूक़ी ने कहा कि मस्जिद का हतमी डिज़ाइन फरवरी के वस्त तक मौसूल हो सकता है। इसके बाद उसे इंतिज़ामी मंज़ूरी के लिए पेश किया जाएगा। फरवरी में ही अहाते में साइट ऑफ़िस खोल दिया जाएगा, उम्मीद है कि हम उसे मुकम्मल कर लेंगे। मई तक मस्जिद की तामीर शुरू कर दी जाएगी।फ़ारूक़ी ने कहा कि मस्जिद की तामीर में कुछ माली रुकावटों के साथ-साथ मस्जिद के डिज़ाइन में बुनियादी तबदीलीयों की वजह से नई रस्मी कार्यवाईयों के आग़ाज़ की वजह से ताख़ीर हो रही है। उन्होंने कहा कि हिन्दोस्तान में मस्जिद का नाम आते ही लोगों के ज़हन में रिवायती मस्जिद की तस्वीर उभरती है। यही वजह है कि ट्रस्ट की जानिब से तैयार करदा मस्जिद का डिज़ाइन उतना काबिल-ए-क़बूल नहीं था, जिसके नतीजे में ट्रस्ट को मस्जिद को नए सिरे से डिज़ाइन किया गया और अब मस्जिद 15 हज़ार मुरब्बा फुट के बजाय तक़रीबन 40 हज़ार मुरब्बा फुट में होगी। माली इमदाद के लिए चंदा जमा करने के इमकान के बारे में पूछे जाने पर फ़ारूक़ी ने कहा कि अभी के लिए हमने जिलों का दौरा करने का प्रोग्राम रोक दिया है। फ़िलहाल ट्रस्ट से वाबस्ता मुंबई की टीम इस मुआमले पर काम कर रही है और उम्मीद है कि ट्रस्ट को डेढ़ माह में रक़म मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि दरअसल चंदा जमा करना एक बहुत बड़ा काम है और इसकी देख-भाल करना बहुत मुश्किल है। हम जो कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं, वो ये है कि कुछ रियास्तों में अपने लोगों को ज़िम्मेदार बनाया जाए और वो इस मंसूबे के लिए फ़ंड हासिल करने के लिए मुंतख़ब तरीक़े से काम करें, जिसमें शफ़्फ़ाफ़ियत और जवाबदेही दोनों मौजूद हैं।
ट्रस्ट के पास फ़ंडज़ की मौजूदा कमी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये अभी नहीं कहा जा सकता। अब डिज़ाइन में तबदीली की वजह से मन्सूबा ताख़ीर का शिकार हो रहा है। ट्रस्ट के सैक्रेटरी अतहर हुसैन ने बताया कि हुकूमत की तरफ़ से दी गई ज़मीन पर मस्जिद के साथ हस्पताल, लाइब्रेरी, कम्यूनिटी किचन और म्यूज़ीयम भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अबदुल्लाह अयोध्या मस्जिद होगा।