✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया तेहवार के मौसम में ट्रेनों में काफी •ाीड़ होती है। खासतौर पर दीवाली और छठ तेहवार के मौके पर लोग अपने घरों को जाते हैं। ऐसे में ट्रेन में कंफर्म टिकट मिलना तकरीबन नामुमकिन हो जाता है जिसकी वजह से कई लोग काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन में खड़े होकर सफर करने पर मजबूर होते हैं। हिन्दुस्तानी रेलवे अब इस मसले को खत्म करने जा रहा है। रेलवे जराइआ के मुताबिक अगले चार सालों के दौरान यानी 2027 तक तमाम मुसाफिरों को ट्रेन के कंफर्म टिकट मिलने लगेंगे।
जराइआ के मुताबिक •ाारती रेलवे के बेड़े में 3 हजार नई ट्रेनें शामिल की जाएँगी। वजारत रेलवे के जराइआ के मुताबिक इस वक़्त रोजाना 10748 ट्रेनें चल रही हैं। जिसे 13000 ट्रेनों तक बढ़ाने का हदफ मुकर्रर किया गया है। रेलवे हर साल ट्रैक में इजाफा कर रहा है। अब 4 से 5 हजार किलोमीटर ट्रैक का नया नैटवर्क बनाया गया है। अगले 3-4 सालों में ट्रैक पर मजीद 3000 नई ट्रेनें चलाने का मन्सूबा है। रेलवे से मौसूला इत्तिलाआत के मुताबिक फिलहाल हर साल 800 करोड़ मुसाफिर ट्रेन से सफर करते हैं। इस तादाद को •ाी बढ़ा कर 1000 करोड़ करने का हदफ है। जराइआ के मुताबिक सफर का वक़्त कम करने पर •ाी काम जारी है। इसके साथ ट्रैक को बढ़ाने, रफ़्तार बढ़ाने और तेज रफ़्तारी और सुस्त रफ़्तारी पर •ाी काम किया जाएगा, ताकि ट्रेन को रुकने और रफ़्तार हासिल करने में पहले से कम वक़्त लगे। रेलवे की एक तहकीक के मुताबिक दिल्ली से कोलकता जाने में 2 घंटे 20 मिनट का वक़्त बचाया जा सकता है। बशर्त ये के रफ़्तार और कमी में इजाफा हो।
पुश पुल टेक्नालोजी के जरीये तेज रफ़्तारी और सुस्त रफ़्तारी को बढ़ाने से मौजूदा ट्रेनों से 2 गुना ज्यादा मदद मिलेगी। रेलवे से वाबस्ता जराइआ ने बताया कि इस वक़्त तकरीबन 225 ट्रेनें एलएचबी कोचेज से सालाना बन रही हैं, जिनमें पुश पुल तकनीक का इस्तिमाल किया जा रहा है। साथ ही, वंदे •ाारत ट्रेनों की रफ़्तार मौजूदा चल रही ट्रेनों से 4 गुना ज्यादा है।
ट्रेन हादसात में एक्सग्रेिशया रकम में 10 गुना इजाफा
इंडियन रेलवे बोर्ड ने ट्रेन हादिसे में मौत या जखमी होने की सूरत में अदा की जाने वाली ऐक्सग्रेश्या रकम में 10 गुना इजाफा कर दिया है। इस रकम में आखिरी बार 2012 और 2013 में नजर-ए-सानी की गई थी। बोर्ड ने कहा कि अब ट्रेन हादिसात और नाखुशगवार वाकियात में हलाक और जखमी मुसाफिरों के अहिले खाना को अदा की जाने वाली रकम पर नजर-ए-सानी करने का फैसला किया गया है। 18 सितंबर के एक सर्कुलर के मुताबिक सड़क इस्तिमाल करने वालों के लिए ऐक्सग्रेश्या रीलीफ में •ाी तौसीअ की गई है। खासतौर पर वो लोग, जो इन्सानी क्रासिंग हादिसात की वजह से रेलवे हादिसात का शिकार हुए हैं। ये नया उसूल 18 सितंबर से नाफिज हो गया है। रेलवे बोर्ड के सर्कुलर के मुताबिक ट्रेन और इन्सानी क्रासिंग हादिसात में हलाक होने वालों के लवाहिकीन को अब 5 लाख रुपय जबकि शदीद जखमीयों को ढाई लाख रुपय दिए जाएंगे। मामूली जखमी होने वाले शख़्स को 50 हजार रुपय की रकम दी जाएगी। पहले ये रकम 50000، 25000 और 5000 रुपय थी।सर्कुलर में मजीद कहा गया है कि किसी •ाी नाखुशगवार वाकिये में जांबाहक, शदीद जखमी और मामूली जखमी होने वालों को 1.5 लाख, 50 हजार और 5 हजार रुपय दिए जाएंगे, जबकि साबिका एक्सग्रेश्या स्कीम में ये रकम 50000، 25000 और 5000 रुपय थी। ख़्याल रहे कि नाखुशगवार वाकियात में दहशतगर्द हमला, पुरतशद्दुद हमला और ट्रेन में डकैती जैसे जराइम शामिल हैं। ट्रेन हादिसात की सूरत में इन शदीद जखमी मुसाफिरों के लिए इजाफी एक्सग्रेश्या रीलीफ का ऐलान किया जाएगा जो 30 दिनों से ज्यादा अस्पताल में दाखिल हैं। हर 10 दिन के बाद या अस्पताल से छुट्टी की तारीख, जो •ाी पहले हो, 3000 रुपय यौमिया जारी किए जाएंगे। शदीद चोट की सूरत में 6 माह के लिए 1500 रुपय यौमिया जारी किए जाएंगे। मजीद बरआँ, हस्पताल में दाखिल होने के अगले 5 माह या डिस्चार्ज की तारीख, जो •ाी पहले हो, हर 10 दिन की मुद्दत के इखतेताम पर 750 रुपय फी दिन जारी किए जाएंगे। बोर्ड ने वाजिह किया है कि सड़क इस्तिमाल करने वालों को बगैर पायलट क्रासिंग पर हादिसात की सूरत में, तजावुज करने वालों, ओएचई (ओवरहेड आलात) के जरीये बिजली से करंट लगने वाले अफराद के मुआमलों में कोई ऐक्सग्रेश्या रीलीफ मंजूर नहीं की जाएगी।