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वक़्फ जायदादें अल्लाह की अमानत हैं, उनमें कोई खयानत नहीं की जानी चाहिए : मुहम्मद महमूद अली

26 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
सनीचर, 15 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
किसी आदमी के बुरा होने के लिए इतना ही काफी है कि वह अपने मुस्लिम भाई को कमतर जानें।
-मुस्लिम शरीफ
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हैदराबाद : आईएनएस, इंडिया 
वक़्फ जायदादें अल्लाह की अमानत होती हैं, उनमें किसी किस्म की खयानत या धांदली नहीं की जानी चाहिए, वर्ना अल्लाह-तआला उन्हें दुनिया और आखिरत में जलील-ओ-खार करेगा। इन ख़्यालात का इजहार रियास्ती वजीर-ए-दाखिला मुहम्मद महमूद अली ने भूनगीर में जदीद ईदगाह का संग-ए-बुनियाद रखने के बाद किया। 
    उन्होंने वक़्फ इमलाक (संपत्ति) के तहफ़्फुज और तरक़्की के मुताल्लिक कहा कि वक़्फ इमलाक के तनाजआत को फौरी हल करने के लिए हुकूमत तेलंगाना ने तेलंगाना स्टेट वक़्फ ट्रिब्यूनल तशकील दिया है ताकि इस बात को यकीनी बनाया जाए कि गैर मजाज मुंतकली की कोई गुंजाइश न हो। वक़्फ जायदादों के रजिस्ट्रेशन या वक़्फ इमलाक के गलत इस्तिमाल से महफूज रखने के लिए वक़्फ की मिल्कियत को आटोलॉक के तहत रखा गया और ऐसी जायदादों के लिए रजिस्ट्रेशन मोडीयूल को आॅनलाइन में गैर फआल कर दिया गया। 
    तमाम मुताल्लिका हुक्काम को वक़्फ इमलाक में तामीरात के लिए बिल्डिंग परमिट जारी ना करने की हिदायत दी गई। उन्होंने कहा कि हुकूमत ने जिले में जिÞला वक़्फ तहफ़्फुज और को-आडीर्नेशन कमेटी का कयाम अमल में लाया। और बतौर चेयरमैन, जिÞला कलेक्टर को मुकर्रर किया गया। साथ ही महकमा रीवैन्यू, पुलिस, म्यूनसिंपल, रजिस्ट्रेशन के मह्कमाजात के ओहदेदारान को वक़्फ के तहफ़्फुज के लिए जिÞलई कमेटी में बतौर मेंबर शामिल किया गया। वजीर मौसूफ ने कहा कि तशकील तेलंगाना के बाद से तेलंगाना के अकलीयती बिरादरान काफी खुश हैं। क्योंकि जो उन्हें 65 साल में मयस्सर नहीं हुई, वो पिछले नौ सालों में हासिल हुई है। उन्होंने आगे कहा कि भूनगीर में जदीद ईदगाह की तामीर के लिए तवील अर्से से कोशिशें की जारी थीं जिसको साबिका हुकूमतों ने नजरअंदाज कर दिया, मगर तेलंगाना हुकूमत ने ना सिर्फ मसला को हल किया बल्कि तामीर में भी संजीदगी दिखाई। 
    उन्होंने कहा कि भू नगीर का जदीद ईदगाह रियासत भर में एक उम्दा और मिसाली ईदगाह साबित होगी। वजीर-ए-दाखिला ने कहा कि वजीर-ए-आला ने रियासत तेलंगाना को नौ साल के मुख़्तसर अर्से में गैरमामूली तरक़्की दिलाई है, जिसकी मिसाल मुल्कभर में नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि केसीआर के दौर-ए-हकूमत में रियासतभर में अमन-ओ-अमान बरकरार है। रियासत हर किस्म के फसादाद से पाक है। मुहम्मद महमूद अली ने अपने खिताब में इमाम-ओ-मोअज्जिन के एजाजिया के बारे में बात करते हुए कहा कि हुकूमत तेलंगाना की इस स्कीम से 10,000 मुस्तहक़्कीन मुस्तफीद (लाभान्वित) हो रहे हैं।

रूहानी इलाज

पढ़ाई में खूब दिल लगेगा
बच्चों का दिल पढ़ाई में न लगता हो, पढ़ाई से भागते हों, पढ़कर भूल जाते हों तो दिन की कोई एक फर्ज नमाज के बाद ‘या अलीमु, या अल्लाहु’ 150 बार (अव्वल आखिर 11-11 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर, पानी पर दम करके बच्चों को पिलाएं और दुआ करेंं। इन्शा अल्लाह, बच्चों का दिल पढ़ाई में लगेगा, वे जो पढ़ेंगे उसे न भूलेंगे। यह अमल 41 दिन तक करना है।

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