24 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
जुमेरात, 13 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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नई तहरीक : रायपुर छत्तीसगढ़ मुस्लिम समाज की जानिब से एक डेलीगेशन ने बिरनपुर तशद्दुद में जां बहक हो जाने वालों की बेवा अलहम बी और शकीला बी को गुजिश्ता दिनों बिरनपुर पहुंचकर बतौर मदद 55 लाख रुपए का चेक दिया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों तशद्दुद के एक मामले में मआशरे के तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस गैर मुतवक्को (अप्रत्याशित घटना) ने गांव में मिलजुल कर रहने वाले देही लोगों को झकझोर कर दिया था। गांव में इससे पहले कभी इस तरह का वाकिया पेश नहीं आया था। अब हालांकि गांव में अमन-ओ-अमान कायम है, लोग उस मोहलिक हादसे को भूलकर अपने रोजमर्रा के कामों में मशरूफ हो गए हैं, लेकिन तशद्दुद में जिन्हें अपनी जानें गवानी पड़ी, उनके लवाहिकीन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। रियासती हुक्काम की तरफ से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी। उनकी परेशानी को देखते हुए ‘छत्तीसगढ़ मुस्लिम समाज’ उनकी मदद को आगे आया। और तंजीम ने इक्तेसादी इमदाद के तौर पर लवाहिकीन को 55 लाख रुपए का चेक पेश कर मिसाल कायम की। इस मौके पर दुर्ग से फजल संजरी, राजनांदगांव से तनवीर अहमद, खैरागढ़ से शमसुल हुदा खान, गंडई से अय्यूब कुरैशी, जावेद खान और रायपुर से अकरम सिद्दीकी, मोहम्मद ताहिर, पत्रकार जाकिर घुरसेना, केलाबाड़ी मस्जिद दुर्ग के मुतवल्ली शेख सिराज, जामा मस्जिद दुर्ग के मुतवल्ली रिजवान खान और गांव के दीगर लोग समेत ‘छत्तीसगढ़ मुस्लिम समाज’ के अहलकार मौजूद थे।