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खातून टीचर्स सिर्फ गर्मियों की छुट्टीयों में बच्चे पैदा करें, अजीब मुतालिबे पर हंगामा

04 जिल हज्ज 1444 हिजरी
जुमेरात, 23 जून 2023
अकवाले जरीं
‘दुनिया के अफजल दिनों में जिल हज्जा के शुरू के दस दिन हैं।’ 

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दुबई : आईएनएस, इंडिया 
अरदन के लोगों में उस वक़्त नया तनाजा (विवाद) पैदा कर दिया, जब एक निजी स्कूल ने मुतालिबा किया कि उसके काम करने वाले असातिजा (टीचर्स) को गर्मियों की तातीलात (छुट्टी) के दौरान बच्चे पैदा करने के अमल को मरबूत करने की जरूरत है। ये तातीलात 27 जून से शुरू होती और 3 माह तक जारी रहती हैं। 
    ये दरखास्त सोशल नेटवर्किंग साइट्स सारिफीन में जंगल की आग की तरह फैल गई। इस पोस्ट को बड़े पैमाने पर तन्कीद का निशाना बनाया गया। खासतौर पर निजी जिंदगी की छोटी-छोटी तफसीलात में इस स्कूल की मुदाखिलत ने लोगों को बरहम कर दिया। इस सूरत-ए-हाल पर अरदन की वजारात-ए-तलीम (शिक्षा मंत्रालय) भी तबसरा करने पर मजबूर हो गई। वजारत के नुमाइंदे ने सरकारी तौर पर निजी स्कूल की तरफ से जारी इस नोटिस को मुस्तर्द (रद्द) कर दिया। वजारत के तर्जुमान (प्रवक्ता) के मुताबिक नोटिस में कहा गया था कि हमल को रेगूलेट करने की जरूरत है, ताकि बच्चे की पैदाइश गर्मियों की तातीलात में हुआ करे। 
    उन्होंने कहा कि वजारत स्कूल की तरफ से जारी नोटिस को देख रही है। ये खवातीन टीचर्स के खिलाफ एक इन्फिरादी फे़अल है। ये नोटिस अरदन की सतह पर खवातीन असातिजा के साथ बरताव में उमूमी पालिसी का इजहार नहीं करती। महिकमा खुसूसी तालीम की एक टीम इस नोटिस के खिलाफ मुनासिब इकदामात करने के लिए स्कूल का दौरा करेगी। अरदन के साबिक रुकन पार्लियामेंट और तालीमी मैदान में सरगर्म एक कारकुन ने बताया कि ये नोटिस जाती आजादियों की खिलाफवरजी करती है और उसे निजी जिंदगी पर पाबंदी तसव्वुर किया जाना चाहिए। शुरू में पाबंदी इस बात पर थी कि हम टीवी पर क्या देखते हैं। बाज औकात हम क्या पहनते हैं, लेकिन आज कुछ लोग हमल के औकात और कुछ महीनों की वजाहत करने पर आ गए हैं। ये अरदन की तरफ से जमानत दी गई शख़्सी आजादी की खुल्लम खुल्ला खिलाफवरजी है।
खातून टीचर्स सिर्फ गर्मियों की छुट्टीयों में बच्चे पैदा करें, अजीब मुतालिबे पर हंगामा


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