04 जिल हज्ज 1444 हिजरी
जुमेरात, 23 जून 2023
अकवाले जरीं
‘दुनिया के अफजल दिनों में जिल हज्जा के शुरू के दस दिन हैं।’ ----------------------------------
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया दिल्ली यूनीवर्सिटी की एक तालिबा ने इल्जाम लगाया है कि उसे सनीचर के रोज कॉमन यूनीवर्सिटी दाखिला टेस्ट (सीयूईटी) में बैठने की इजाजत नहीं दी गई, क्योंकि उसने हिजाब पहन रखा था। मीडीया रिपोर्ट के मुताबिक, शबनम (दरखास्त पर तबदील किया गया नाम) डीयू के जाकिर हुसैन कॉलेज की तालिबा हैं और उसने तीसरे साल का इमतिहान दिया था, जिसके बाद उसने कॉमन यूनीवर्सिटी दाखिला टेस्ट के लिए अप्लाई किया था। कॉमन यूनीवर्सिटी एंटरैंस टेस्ट, आॅल इंडिया टेस्ट है, जिसका एहतिमाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी हिन्दोस्तानभर किया जाता है। 45 मर्कजी यूनीवर्सिटियों में मुख़्तलिफ अंडर ग्रेजूएट, इंटीग्रेटिड, पोस्ट ग्रेजूएट, डिप्लोमा, सर्टीफिकेशन कोर्सेज और रिसर्च प्रोग्रामों में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट कराती है।  |
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शबनम ने मीडीया को बताया कि मैंने एडमिट कार्ड पर तमाम हिदायात पढ़ ली थीं और कहीं भी ये नहीं लिखा था कि हिजाब पहनने की इजाजत नहीं है। सनीचर को, जब शबनम अपने इमतिहान मर्कज पहुंची, जो सरीता विहार के करीब मथुरा रोड के पास था, खातून सिक्योरिटी गार्ड ने उसे चेकिंग के लिए प्रोटोकोल के तौर पर अपना हिजाब उतारने को कहा। शबनम ने बताया कि मैंने अपना हिजाब हटा दिया क्योंकि मैं समझ गई थी कि ये सिर्फ एक प्रोटोकोल है। ताहम, चैक करने के बाद उसने मुझसे हिजाब को मुकम्मल तौर पर उतारने को कहा, और कहा कि वर्ना मुझे अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उसने हिजाब उतारने से मना किया तो उसे अंदर नहीं जाने दिया गया, आखरिकार वक्त खत्म हो गया और वह इम्तिहान में नहीं बैठ सकी। उसने कहा, चूँकि मुझे इमतिहान मर्कज में ही जाने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मैं इंतिजामीया तक भी नहीं पहुंच सकी। ना ही कोई वहां दस्तयाब था। शबनम ने कहा कि वह अब तक सदमे से दो-चार है। वो शिकायत दर्ज करवाना चाहती थी, लेकिन उनके अहल-ए-खाना ने दूसरी सूरत में मश्वरा दिया है। मेरे वालदैन ने मुझसे कहा कि मैं हद से तजावुज ना करूँ और कुछ ऐसा न करूँ जिससे मुझे नुक़्सान पहुंचे।