25 जीअकादा 1444 हिजरी
बुध, 15 जून 2023
अकवाले जरीं‘जब अल्लाह ताअला अपने बंदे को नेअमत अता करता है और बंदा बदले में अल हम्दो लिल्लाह कहता है, तो बंदे का यह कहना अल्लाह के नजदीक उसकी नेअमत से बेहतर है।’
- इब्ने माजा
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मुबारक मंसूरी की कयादत में निकला पैदल मार्च ने गरीब नवाज के दर पर दी हाजिरी
मोहम्मद हासम अली : अजमेरमंसूरी विकास बोर्ड की मांग को लेकर भीलवाड़ा से निकले पैदल मार्च के अजमेर पहुंचने पर आल इंडिया मंसूरी समाज के रियासती सदर व सोशल वर्कर रियाज अहमद मंसूरी की जानिब से मआशरे के सैकड़ों लोगों के साथ क्लाक टॉवर थाना, रेलवे स्टेशन पर इस्तकबाल किया गया।
इस मौके पर अजमेर हाजरा जमात मंसूरी समाज के सदर हाजी सलामुद्दीन मंसूरी, आल इंडिया मंसूरी समाज के अजमेर सहर सदर रईस मंसूरी, सरपरस्त इमाम मंसूरी, अजमेर शहर नायब सदर मुस्तकीम मंसूरी, अराकीन सलामुद्दीन मंसूरी, इशाक मंसूरी, शब्बीर मंसूरी सेद, उमर मंसूरी, बसरूद्दीन मंसूरी, इमरान मंसूरी, रमजान मंसूरी, इकबाल मंसूरी, अजहर मंसूरी, शानू मंसूरी, सलीम मंसूरी समेत बड़ी तादाद में मआशरे के लोग मौजूद थे। क्लाक टावर से अजमेर मंसूरी समाज के अराकीन व अहलकार पैदल मार्च करते हुए क्लाक टावर थाने से दरगाह शरीफ पहुंचे जहां अकीदत की चादर पेश कर मंसूरी विकास बोर्ड तशकील के लिए दुआ की गई सहाफियों (पत्रकारों) से बात करते हुए मुबारक मंसूरी ने बताया कि भीलवाड़ा से शुरू हुए इस सफर में मआशरे के लोग रास्तेभर पैदल मार्च से जुड़ते रहे। जगह-जगह मआशरे के लोगों ने अपनी हैसियत के मुताबिक पैदल मार्च में शामिल लोगों का इस्तकबाल कर उनकी हौसला अफजाई की। रियासती सदर रियाज अहमद मंसूरी ने बताया कि राजस्थान में मंसूरी मआशरे के लगभग 40 लाख लोग हैं। और मुल्कभर में इनकी तादाद तकरीबन 5 करोड़ है जो खुसूसन रूई और तेल के कारोबार करते हुए मुल्क की मेन स्ट्रीम से जुड़कर तरक्कीयाती कामों में बखूबी अपनी शिराकतदारी निभा रहे हैं। लेकिन मआशरा इक्तेसादी (आर्थिक) तौर पर काफी पिछड़ा हुआ है। उन्होंने गहलोत सरकार से मआशरे की तरक्की के लिए मंसूरी विकास बोर्ड तशकील (गठन) की उनकी मांग पर गौर करते हुए इस पर अमल करने की मांग की। मआशरे की इस मांग को लेकर मआशरे के मुबारक मंसूरी के साथ आल इंडिया मंसूरी समाज के रियासती सरपरस्त हाजी जवरी खां मंसूरी, रियासती नायब सदर हाजी गनी मंसूरी के राब्ते में हैं और हर कांधे से कांधा मिलाकर उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं। पैदल मार्च अजमेर से किशनगड़ और वहां से जयपुर के लिए रवाना हुई।