25 जीअकादा 1444 हिजरी
बुध, 15 जून 2023
अकवाले जरीं‘जब अल्लाह ताअला अपने बंदे को नेअमत अता करता है और बंदा बदले में अल हम्दो लिल्लाह कहता है, तो बंदे का यह कहना अल्लाह के नजदीक उसकी नेअमत से बेहतर है।’
- इब्ने माजा
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मआशरे ने सफर की कामयाबी और मकबूलियत की दुआएं की
मोहम्मद जुनैद : बालोदजिला मुख्यालय से हज्जे बैतुल्लाह शरीफ की जियारत के लिए जायरीनो का एक जत्था मक्का शरीफ के लिए गुजिश्ता रोज रवाना हुआ। इस मौके पर मआशरे के लोगों ने खुलूसे दिल से जायरीन का इस्तकबाल कर उनकी हौसला अफजाई की। जत्थे में कलीम बख्श और उनकी अहलिया सुल्ताना बेगम, मोहम्मद रफीक वारसी मनिहार उनकी अहलिया रुखसाना बानो, मेहरूद्दीन कुरैशी उनकी अहलिया तनवीर फातिमा शामिल हैं।
आजमीने हज का इस्तकबाल इतवार की सुबह 9 बजे जामा मस्जिद के पास मुस्लिम जमात बालोद के लोग बड़ी तादाद में मौजूद थे। इस मौके पर सलातो सलाम पेश किया गया। फातेहा ख्वानी के बाद नारा-ए-तकबीर के साथ आजमीने हज का इस्तकबाल किया गया। इस मौके पर मोहम्मद रफीक वारसी मनिहार ने काअबा शरीफ की
जियारत का मौका मिलने पर अल्लाह ताअला का शुक्र अदा किया। अवाम से उन्होंने सफर की कामयाबी और उनकी रियारत व इबादात की मकबूलियत के लिए दुआ करने की गुजारिश की।