2 जीअकादा 1444 हिजरी
मंगल, 23 मई, 2023
अकवाले जरीं
हजरत अब्दुल्लाह बिन बुरैदा (रदि अल्लाहो अन्हो) रिवायत करते हैं कि उनके वालिद ने बयान किया कि रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने इर्शाद फरमाया, हमारे और कुफ्फार के दरमियान पहचान नमाज है, लेहाजा जिसने नमाज को तर्क किया, उसने कुफ्र किया
- इब्ने माजा
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देहरादून : आईएनएस, इंडिया वजीर-ए-आला पुष्कर सिंह धामी की हिदायात के बाद उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर गै़रकानूनी मजहबी तामीर के मुआमले में इंतिजामीया ने लगातार कार्रवाई अंजाम दी है। ये कार्रवाई महिकमा जंगलात की जानिब से की गई। अब तक इंतिजामीया की जानिब से जंगलाती इलाके से 29 मंदिर और 256 गै़रकानूनी मजारों को हटाया गया है। जबकि तकरीबन 68 हेक्टर रकबा को तजावुजात (अतिक्रमण) से पाक करने की कार्रवाई की गई है। इसके अलावा कई शनाख़्तशुदा (चिन्हांकित) इमारतों को नोटिस भेजे गए हैं। उत्तराखंड में महिकमा जंगलात की जानिब से रियासतभर में महिकमा जंगलात की जमीन पर की गई गै़रकानूनी तामीरात के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसके तहत अब तक तकरीबन 500 ऐसी मजहबी इमारतों की निशानदेही की गई है, जो सरकारी जमीन पर तामीर की गई हैं। इनमें से 285 इमारतों को बुलडोजर के जरीये हटा दिया गया है। जबकि बाकी इमारतों को भी नोटिस जारी कर दिए गए हैं और गै़रकानूनी तामीरात हटाने की हिदायात दी गई हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए महिकमा जंगलात के नोडल अफ़्सर पराग मधूकर ने बताया कि जंगलात की जमीन पर गै़रकानूनी तजावुजात के ताल्लुक से डिवीजनल फारेस्ट आॅफीसर और फारेस्ट आफिसरान को हिदायत दी गई है कि वो ऐसी गै़रकानूनी इबादत-गाहों की निशानदेही करके उन्हें हटा दें। रियासत में सबसे ज्यादा तजावुजात हरीदवार, काशीपुर, हल्द्वानी, राम नगर, रूद्र पूर, कोटद्वार और कालसी जंगलाती इलाकों में पाई गई हैं। वहीं, महिकमा जंगलात की जानिब से ऐसे मजहबी मुकामात को निशानदही करने के बाद नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। तजावुजात लैंड माफिया के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करने पर इंतिजामीया की जानिब से 6 माह की सजा का भी इंतिजाम है। तजावुजात अज खुद ना हटाए गए, तो बुलडोजर से कार्रवाई की जाएगी।