भाजपा की साख लगी घटने तो खैरात लगी बंटने : रिजवी

संकल्प को रेवड़ी की संज्ञा देने वाले प्रधानमंत्री स्वयं रेवड़ियां बांटते घूम रहे हैं : रिजवी

नई तहरीक : रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा कि बढ़ती मंहगाई एवं बेरोजगारी की मार से केन्द्र की सरकार लड़खड़ा गई है। 
    उत्तर-पूर्व के तीनों राज्यों की जीत का श्रेय लेने वाली भाजपा को अपनी उपलब्धि नहीं समझना चाहिए क्योंकि तीनों राज्यों में उसे सरकार बनाने के लिए अन्य स्थानीय दलों की बैसाखी का सहारा लेना पड़ा है। यह भाजपा के समक्ष सोचनीय विषय आ खड़ा हुआ है। किसी भी राज्य में अकेली भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाई है। केन्द्र के फंड की जरूरत को देखते हुए सभी एक मंच पर आए हैं जो अस्थायी है तथा कभी भी उत्तर-पूर्व की तीनों सरकारें गिर सकती हैं। 
    रिजवी ने कहा है कि भाजपा की नाजुक स्थिति को देखते हुए तथा आगामी विधानसभाओं एवं 2024 के आम चुनाव में होने वाली भाजपा की भावी पराजय को बचाने के असफल प्रयास में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी तीनों राज्यों के परिणामों से अन्दरूनी तौर पर खुश नहीं है तथा भाजपा की गिर चुकी साख को बचाने के प्रयास में जुट गये है, परन्तु भावी पराजयों को रोक पाना भाजपा के बस के बाहर की बात हो चुकी है। 
    रिजवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्य राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनाव एवं आयोग द्वारा आचार संहिता लगाने के पूर्व हजारों करोड़, जिसे स्वयं प्रधानमंत्री रेवड़ी की संज्ञा देते आ रहे हैं, उन्हीं रेवड़ियों को स्वयं बांटने मजबूर हो गए हैं, परन्तु हजारों लाखों करोड़ की रेवड़ियों को बांटने के बावजूद पराजय मिलना भाजपा का मुकद्दर बन चुका है। अदाणी व अम्बानी भी भाजपा की भावी पराजय एवं घटती साख को रोक नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा, ईडी, आईटी और सीबीआई जैसे छापे केवल विपक्ष को भयभीत करने के असफल प्रयास सिद्ध होने वाले हैं
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