- मोहम्मद शमीम, रायपुर
इस्लामी साल का आठवां महीना शाअबानुल मोअज्जम नफली रोजों और इबादात के लिए इंतिहाई फजीलत वाला है। इस माह की फजीलत की वजह ये मालूम होती है कि इस महीने में माहे रमजान के रोजों, तरावीह और दीगर इबादात की तैयारी का मौका मिलता है। रमजान उल मुबारक के इस्तकबाल और इबादत की तैयारी ही की वजह से हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने इस महीने में खुसूसीयत से खैर-ओ-बरकत की दुआ फरमाई है![]() |
इस्लामी साल का आठवां महीना शाअबानुल मोअज्जम |
आप (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने शाअबान के महीने की आखिरी तारीख में खुतबा दिया और फरमाया, ए लोगों! तुम पर एक अजमत-ओ-बरकत वाला महीना साया-फुगन होने वाला है, फिर आप (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने शब-ए-कद्र, तरावीह, मगफिरत बारी ताअला और रमजान में एहतिमाम से किए जाने वाले खुसूसी आमाल का तजकिरा फरमाया।
दुआ है कि अल्लाह रब्बुल इज्जत हमें इस माह-ए-मुबारक में ज्यादा से ज्यादा इबादत करने वाला बनाए और रमजान उल-मुबारक के इस्तकबाल और इबादात के लिए तैयारी की तौफीक अता फरमाए, जो हमारे गुनाहों की मगफिरत और अल्लाह ताअला की खुशनुदी का जरीया बने। आमीन
1 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
22 फरवरी 2023
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