Top News

स्वीडन में बदबख्ताना अमल, आजादी-ए-इजहार नहीं, मुस्लमानों की दिल आजारी है : फख्रउद्दीन आलतून

अंकरा : आईएनएस, इंडिया 

सदारती मुशीर (सलाहकार) बराए इत्तिलाआत फखर उद्दीन आलतून ने कहा है कि स्वीडन में तुर्क सिफारतखाने के सामने कुरआन-ए-करीम का नुस्खा शहीद करना आजादी-ए-इजहार नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मुस्लमानों की दिल आजारी है। 

मुशीर इत्तिलाआत ने स्वीडिश अखबार के तहरीरी सवालों का जवाब देते हुए कहा कि स्टाकहोम में तुर्क सिफारतखाने के सामने कुरआन-ए-करीम का नुस्खा शहीद करना आजादी-ए-इजहार के जुमरे में नहीं आता, इस मजमूम और इश्तिआल अंगेज इकदाम ने स्वीडन और दुनिया में बसे तमाम मुस्लमानों की दिल आजारी की है। आलतून ने बताया कि सदर उर्दगान और तुर्क मुखालिफ मुजाहिरों में मुलव्विस पीकेके के हामियों को मार्च की इजाजत देने और गुजिशता हफ़्ते इंतिहाई दाएं बाजू की पार्टी के लीडर रासमूस पालोदान के स्टाकहोम में मुतय्यन तुर्क सिफारतखाने के सामने कुरआन-ए-करीम का नुस्खा शहीद करने के बाद वजीर-ए-दिफा (रक्षा मंत्री) ने स्वीडिश हममन्सब (समान पद वाले) पाल जोनसन को दौरा मंसूख करने का कहा है। मुशीर इत्तिलाआत ने कहा कि हमारा पैगाम इंतिहाई वाजेह है कि स्वीडन अगर तुरकिया के खदशात को संजीदा नहीं लेता तो मुजाकरात (चर्चा) का कोई फायदा नहीं है, याद रहे कि तुरकिया वो वाहिद मुलक है, जिसके वोट से स्वीडन नेटो का रुक्न बना है। 

nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने