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साल 2023 के सात अजाइबात में सऊदी शहर ‘अल ऊला’ भी मुंतखब

रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सफर और सयाहत (पर्यटन) में महारत रखने वाले अमरीकी मैगजीन ने साल 2023 के लिए दुनिया के सात अजाइबात में से सऊदी शहर ‘अल ऊला’ को भी शामिल कर लिया है। 

जमीन पर सबसे ज्यादा हैरत अंगेज मुकामात की सालाना दर्जा बंदी की सीरीज में इस साल ‘अल ऊला’ को भी शामिल कर लिया गया। अमरीकी मैगजीन ने वजाहत की कि ‘अल ऊला’ एक गैरमामूली विरसा और सकाफ़्ती तारीख का मुकाम है। ये ऐसा मुकाम है कि माजी करीब में किसी ने इसके मुताल्लिक नहीं सुना था। सूरत-ए-हाल उस वक़्त बदल गई, जब इस मुकाम को सय्याहों के लिए खोल दिया गया और इस मुकाम की तारीख लोगों के सामने आई। ये 2 हजार साल कदीम इलाका है, जिसे दुनिया के सामने पेश किया गया। अमरीकी मैगजीन के मुताबिक ‘अल ऊला’ सऊदी अरब के शुमाल मगरिबी सहरा के कल्ब में है और इसका ज्यादा-तर हिस्सा अभी तक दरयाफत नहीं हुआ है। अंदाजों से जाहिर होता है कि इस मुकाम की अब तक 5 फीसद से भी कम जगह की खुदाई की गई है। ‘अल ऊला’ में यूनेस्को वर्ल्ड हैरीटेज का मुकाम ' उल-हिजर' भी मौजूद है। अल हिजर में सुर्ख रेत के पत्थरों की चटानों में तराशे गए बड़े-बड़े मकबरे हैं। ये कदीम शहर सहरा की मिट्टी की ईंटों से बने हुए छोड़े गए मकानात पर मबनी है। ये मकानात सहरा में मुख़्तलिफ शक्लें बना रहे हैं। मैगजीन ने इन्किशाफ (खुलासा) किया है कि यहां कदीम राक आर्ट (प्राचीन पाषाण कला) है। मशहूर शेफ के रेस्तोराँ हैं। उनमें से एक मशहूर रेस्तोराँ 'मराया' है जिसे शेफ जैसन अथर्टन ने बनाया था। ये दुनिया की सबसे बड़ी आईना रखने वाली इमारत के ऊपर मौजूद है। इस साल के सात अजाइबात में से बाकी अजाइबात में फ्रÞांस की मोंट सेंट मशाल इमारत शामिल की गई है। इस इमारत को फन्ने तामीर का एक अजूबा समझा जाता है।


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