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हिंदोस्तान की स्टील इंडस्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी सनअत : पीएम मोदी


अहमदाबाद : आईएनएस, इंडिया 

पीएम मोदी ने 28 अक्तूबर को गुजरात के हजीरा में 60 हजार करोड़ की लागत से आर्सेलर मित्तल स्टील इंडिया के तौसीही मंसूबे (विस्तार योजना) की संगे बुनियाद रखी। इस मौका पर पीएम मोदी ने लोगों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस स्टील प्लांट की तौसीअ से ना सिर्फ सरमायाकारी आएगी, बल्कि मुस्तकबिल के लिए नए इमकानात के दरवाजे भी खुलेंगे। वजीर-ए-आजम मोदी ने कहा कि 60 हजार करोड़ रुपय से ज्यादा की सरमायाकारी से गुजरात और मुल्क के नौजवानों के लिए रोजगार के बहुत से मौके पैदा होंगे। 

उन्होंने कहा, दुनिया आज बड़ी उम्मीद से हमारी तरफ देख रही है। हिन्दोस्तान तेजी से दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफेक्चरिंग हब बनने की तरफ गामजन है। हुकूमत इस शोबे की तरक़्की के लिए जरूरी पालिसी माहौल की तैयारी में मसरूफ है। पीएम मोदी ने अपने खिताब में कहा कि जब मुल्क में स्टील सेक्टर मजबूत होता है तो इनफरास्ट्रक्चर सेक्टर मजबूत होता है। जब स्टील का शोबा फैलता है तो सड़कें, रेलवे, हवाई अड्डे और बंदरगाहें में वुसअत आती है। पिछले आठ सालों में सबकी कोशिशों की वजह से, हिन्दोस्तान की स्टील इंडस्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी स्टील पैदा करने वाली सनअत बन गई है जहां तरक़्की के बेपनाह मौके हैं।

हिन्दुस्तानी मईशत के बुनियादी उसूलों से मुतमइन है दुनिया : मोदी

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडीयो कान्फे्रंसिग के जरीये रियासत के आलमी सरमायाकारों (निवेशकों) की कान्फे्रंस इनोवेस्ट कर्नाटक 2022 की इफ़्तिताही तकरीब (उदघाटन समारोह) से खिताब किया। इस मौका पर इज्तिमा से खिताब करते हुए उन्होंने कर्नाटक के लोगों को उनके राज उत्सव के लिए मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक रिवायत और टेक्नोलोजी, फितरत और सकाफत (संस्कृति), शानदार फने तामीर और स्टार्ट अप्स का इमतिजाज है। मोदी ने कहा, जब टैलेंट या टेक्नोलोजी की बात आती है तो ब्रांड बंग्लूरू लोगों के जहन में सबसे आगे आता है। ये नाम ना सिर्फ हिन्दोस्तान बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। 

वजीर-ए-आजम ने कर्नाटक में सरमायाकारों की मीटिंग के इनइकाद पर मुसर्रत का इजहार किया और कहा कि ये तआवुन (सहकार) पर मबनी मुकम्मल मिसाल है। उन्होंने ये भी कहा कि पैदावार ज्यादातर रियास्ती हुकूमत की पालिसीयों और कंट्रोल पर मुनहसिर है। उन्होंने मजीद कहा कि इस आलमी सरमायाकारों के इजलास के जरीये, रियासतें मखसूस शोबों को अपना हदफ बना सकती हैं और दूसरे ममालिक के साथ शराकतदारी कायम कर सकती हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी का इजहार किया कि इस मीटिंग में हजारों करोड़ों की शराकतदारी की मंसूबाबंदी की गई है जिसके नतीजे में मुल्क के नौजवानों के लिए रोजगार में इजाफा होगा। 

वजीर-ए-आजम ने कहा कि हिन्दोस्तान ने गुजिश्ता साल 84 अरब डालर की रिकार्ड गैर मुल्की सरमायाकारी हासिल की। ज्यादातर ममालिक हिन्दुस्तानी मईशत (अर्थव्यवस्था) के बुनियादी उसूलों से मुतमइन हैं। मार्कीट में उतार-चढ़ाव के माहौल के बावजूद हमारी घरेलू मार्कीट हमारे शहरियों की उमंगों की वजह से काफी मजबूत है।


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