मुहम्मद जाकिर हुसैन : भिलाई
कर्बला के शहीदों की याद में मनाए जाने वाले 10 मुहर्रम पर मंगल को शहर में सुबह से रात तक जम कर बारिश हुई। हालांकि मूसलाधार बारिश में भी ताजियादारों का हौसला कम नहीं हुआ। इस साल भी बदस्तूर ताजिया निकले। लोग भीगते हुए अखाड़े के करतब दिखाते रहे और पूरे रास्ते "या हुसैन" की सदा गूंजती रही। हालांकि बारिश के चलते जुलूस में आम लोगों की चहल पहल कम रही।
10 मुहर्रम के मौके पर शहर की तमाम मस्जिदों और घरों में लोगों ने दोपहर में नमाजे जुहर के बाद दुआए आशूरा पढ़ी और दुआएं की। मौसम के मिजाज को देखते हुए इस बार लंगर और शरबत की सबील कम लगी। शाम 6 बजे के बाद शहर के कैंप, खुर्सीपार व सुपेला सहित दीगर हिस्सों से तमाम ताजिए व अखाड़े पावर हाउस चौक पर पहुंचे। यहां से तयशुदा रूट पर चलते हुए जुलूस सेंट्रल एवेन्यू व जामा मस्जिद सेक्टर 6 के सामने से होते हुए देर रात तक कर्बला मैदान पहुंचा। जहां फातिहा ख्वानी के बाद जुलूस खत्म हुआ। इसके पहले बीती रात 8 अगस्त को जेपी चौक के समीप और फरीद नगर में अलाव का एहतेमाम किया गया। जहां दहकते अंगारों पर लोगों ने चलकर अपनी अकीदतमंदी का सबूत दिया। इस दौरान बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा थे।
शिया मआशरे ने किया मातम
मुहर्रम पर शिया समुदाय ने भी मातम किया। हास्पिटल सेक्टर और प्रियदर्शनी परिसर में दस दिन तक तकरीर में करबला के वाकयात बयान किए गए। 10 मुहर्रम पर मंगल को दोनों ईमाम बाड़ों से काले लिबास में जुलूस निकला और पास ही से गश्त कर ईमामबाड़ा लौट गया। शिया मआशरा मुहर्रम पर पूरे 40 दिन मातम करेगा और 40 वें पर फातिहा व जुलूस के साथ मुहर्रम की रस्मे इख्तेताम होगी।