Top News

कचरे के ढेर से डालर की बारिश, कचरे के करीब जाने पर लगाई पाबंदी

File Photo

न्यूयार्क :
अर्जनटाइन में कचरे के एक ढेर से लोगों को डॉलरज मिलने लगे जिसके बाद इंतेजामिया ने उस मुकाम पर अवाम के दाखिले पर पाबंदी आइद कर दी है। 

खबररसां इदारे एएफपी के मुताबिक मुल्क के मध्य इलाके लासपरीखा में कचरा जमा करने का मखसूस (खास) मुकाम है, जहां गैर मुसद्दिका इत्तिलाआत (अपुष्ट खबरों) के मुताबिक मुकामी अफराद को चंद दिन में कचरे के ढेर से लगभग 75 हजार डॉलरज मिल चुके हैं। फ्रेडरीको बेज भी उन लोगों में शामिल थे, जिनको कचरे से डॉलरज मिले हैं। उन्होंने एएफपी से गुफ़्तगु (बातचीत) में कहा कि वो और उनके दोस्त एक ट्रक में सवार थे, जब उनके दोस्त को 100 डालर का एक नोट नजर आया। उनकी तवज्जा (ध्यान) फौरी तौर पर उन नोट की जानिब गई। क्योंकि ये नोट बिलकुल नए जैसा था। वो मजीद (आगे) बताते हैं कि वहां पर उन समेत छ: अफराद मौजूद थे, जिन्होंने वहां से लगभग 10 हजार डॉलरज जमा किए। उनका कहना था कि बाद में एक और लड़का आया जो बहुत ही खुश किस्मत था क्योंकि उसे वहां से 25 हजार डॉलरज मिले। 

फ्रेड रीको बेज का ख़्याल है कि उस कचरे में और भी ज्यादा तादाद में डालर दफन हैं। ये वाजेह (स्पष्ट) नहीं हो सका है कि इंतेजामिया उन लोगों को ये डालर अपने पास रखने की इजाजत देगी जिन्हें ये कचरे के ढेर से मिले। इस मुआमले पर मुल्क में सोशल मीडीया पर भी बहस हो रही है और ये ख़्याल किया जा रहा है कि ये डालर उस शख़्स के हैं, जिसकी मौत कुछ अरसा कबल हुई थी और उनके विरसा (वारिस) नहीं थे जिसके सबब उनका सामान कचरे में फेंक दिया गया था। 

मुम्किना (संभावित) तौर पर ये डॉलरज भी उनके सामान में किसी खुफ़ीया खाने में छिपा कर रखे गए थे। अर्जनटाइन में शहरी तवील अर्से (लंबे समय) से इफरात-ए-जर (मुद्रा स्फीति) का शिकार हैं, जबकि लोग मुल्की बैंकिंग के निजाम (व्यवस्था) पर भी बिलकुल एतिमाद (भरोसा) नहीं करते। इसलिए उमूमी (सामान्य) तौर पर लोग डॉलरज की सूरत में अपनी रकम महफूज रखने की कोशिश करते हैं। 

लास परीखा के मेयर का कहना था कि उनका इलाका सबज जुनून का शिकार हो गया है। वाजेह रहे कि अमरीका के 100 डालर के नोट में मुख़्तलिफ मुकामात पर सब्ज-रंग का इस्तिमाल हुआ है। इसी वजह से 'सबज जुनून’ की इस्तिलाह इस्तिमाल की जा रही है। मेयर ने मजीद कहा कि इस वक़्त पूरा मुल्क मआशी बोहरान (आर्थिक संकट) का शिकार है और हर शख़्स की जबान पर बस डालर का तजकिरा है। अर्जनटाइन में हुक्काम ने 2019 से डालर के हवाले से शदीद इकदामात (बेहतर उपाय) किए हुए हैं ताकि मुल्क के जर-ए-मुबादला (लेनदेन) के जखाइर को मुस्तहकम (स्थिर) रखा जा सके।


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने