नई दिल्ली : वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी की अफ़्गानिस्तान के जलजला से मुतास्सिरा लोगों को हर तरह की मदद की यकीन दहानी के चंद घंटों के अंदर ही, हिन्दुस्तानी फिजाईया (आईएएफ) का पहला तय्यारा बोहरान की इस घड़ी में इमदादी सामान खे़मे, पानी, खुराक, दवाएं लेकर जुमेरात को काबुल पहुंच गया है। वजारत-ए-खारजा ने जुमा की सुबह कहा कि हुकूमत ने अफ़्गानिस्तान के लोगों के लिए दो परवाजों में 27 टन हंगामी इमदादी इमदाद रवाना किया है। इमदादी सामान काबुल में अकवाम-ए-मुत्तहिदा के दफ़्तर बराए राबिता बराए इन्सानी उमूर और अफ़्गान हिलाल अहमर सोसाइटी के हवाले किया जाएगा। एमईए ने कहा कि इमदादी चीजों में जरूरी अश्या फैमिली के रहने वाले खे़मे, स्लीपिंग बैग, कम्बल, स्लीपिंग मेट वगैरा शामिल हैं।
अफ़्गानिस्तान के लिए अपनी हिमायत का इआदा करते हुए, एमईए ने कहा, हमेशा की तरह, हिन्दोस्तान अफ़्गानिस्तान के लोगों के साथ यकजहती में खड़ा है, जिनके साथ हमारे सदियों पुराने ताल्लुकात हैं, और अफ़्गान अवाम के लिए इमदादी इमदाद फराहम करने के लिए मजबूती से पाबंद अह्द है। वाजेह हो कि शदीद जलजले से पाँच सूबों में एक हजार से जाइद अफराद हलाक हुए हैं और सैंकड़ों अफराद मलबे तले दबे हुए हैं। सामान के साथ एक हिन्दुस्तानी टीम भी काबुल पहुंची है। टीम हिन्दुस्तानी सिफारत खाने में गई है जो मुकामी अमले के साथ खुल रहा है, हालाँकि अगस्त 2021 में काबुल में तालिबान की वापसी के बाद से हिन्दोस्तान और अफ़्गानिस्तान के बाजाबता सिफारती ताल्लुकात नहीं हैं। जुमेरात को एमईए के तर्जुमान अरिन्दम बागची ने कहा था कि इमदाद की मजीद खेप आगे आएगी। अफ़्गानिस्तान के लोगों के लिए हिन्दोस्तान की जलजला रीलीफ इमदाद की पहली खेप काबुल पहुंच गई है। वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने बोहरान की घड़ी में अफ़्गानिस्तान के लोगों को अपनी हर तरह की मदद की पेशकश की थी।