पीटा इंडिया ने जानवरों पर जुल्म की रोकथाम एक्ट 1960 के सेक्शन 28 को हटाने का मुतालिबा भी
नई दिल्ली : एनीमल वेल्फेयर बोर्ड आफ इंडिया, मर्कजी हुकूमत का एक कानूनी इदारा है, उसने ईदे अजहा के दौरान जानवरों के साथ मुबय्यना जालिमाना सुलूक को रोकने के लिए पीटा इंडिया की दरखास्त पर तमाम रियास्तों और मर्कज के जेर-ए-इंतिजाम इलाकों को नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने अपनी सिफारिश में कहा कि ईद के दौरान ट्रांसपोर्ट एनीमल रोल्ज 1978 की कई खिलाफ वरजियां मंजर-ए-आम पर आती रही हैं। गाड़ी में ले जानेवाले जानवरों की तादाद महदूद नहीं है। बाज-औकात ईद के मौके पर जानवरों की नकल-ओ-हमल में इस पर अमल नहीं किया जाता। नोटिस में जानवरों पर जुल्म की रोकथाम (जिबह खाना रोल्ज, 2001) का भी जिÞक्र किया गया है, जो इस बात की निशानदेही करता है कि कोई भी शख़्स म्यूनसिंपल एरिया के अंदर किसी भी जानवर को जिबह नहीं करेगा, सिवाए मजबह (स्लाटर हाउस) के। इसके अलावा नोटिस में कहा गया है कि फूड सेफ़्टी एंड स्टैंर्डज अथार्टी आफ इंडिया के कवानीन के तहत ऊंटों की कुबार्नी नहीं करनी चाहिए। फरहतुल ऐन, पीटा इंडिया एसोसिएट एडवोकेसी ने कहा, तमाम मजाहिब हमदर्दी की हौसला अफजाई करते हैं, और जानवरों के तहफ़्फुज के कवानीन पर अमल करना हर एक शहरी की जिÞम्मेदारी है। पीटा इंडिया अपील करता है कि ईद जानवरों के तहफ्फुज को जहन में रखकर मनाई जाए। उन्होंने कहा कि मेरी तरह पीटा इंडिया के बहुत से मुस्लमान पैरोकार नकद रकम, कपड़े, सब्जी पर मबनी खाना या दीगर अश्या अतीया कर के कुर्बानी के बगैर ईद मनाते हैं। पीटा इंडिया ने जानवरों पर जुल्म की रोकथाम एक्ट 1960 के सेक्शन 28 को हटाने का मुतालिबा किया है।