अवाम को हर किस्म की फिकार्वारीयत के खिलाफ मुत्तहिद हो कर आगे आना होगा : आल माइनॉरिटी फ्रंट
नई दिल्ली : आल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के सदर डाक्टर सय्यद मुहम्मद आसिफ ने कहा है कि उदयपुर में कत्ल का हौलनाक वाकिया नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है। इसकी शदीद मुजम्मत की जानी चाहिए। मुजरिमों को कानून के मुताबिक सख़्त से सख़्त सजा दी जानी चाहिए। डाक्टर आसिफ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इस तरह के वाके के पीछे गैर मुल्की हाथ के इमकान को रद्द नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि जिसने ऐसा किया, वो मुस्लमान नहीं हो सकता, कुरआन में सूरा अलमायदा की आयत नंबर 32 में वाजिह है कि जिसने किसी एक बेकसूर इन्सान को कत्ल किया, उसने पूरी इन्सानियत को कत्ल किया, और जिसने एक इन्सान को जिंदा रखा, उसने पूरी इन्सानियत को जिंदा रखा। कातिलों को आईन के मुताबिक सजा देने का मुतालिबा करते हुए डाक्टर आसिफ ने कहा कि मालूम किया जाना चाहिए कि इस साजिÞश के पीछे कोई बैरूनी ताकत तो नहीं, क्योंकि बैरूनी ताकतें हिन्दोस्तान को कमजोर देखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मुतास्सिरा खानदान की मुकम्मल मदद की जाये और जेरे कफालत अफराद (आश्रित) को सरकारी मुलाजमत फराहम की जाए। डाक्टर आसिफ ने कहा कि मुल्क में फिकार्वारीयत का माहौल मनाया जा रहा है, उसे रोका जाये। मजहब निजी अकीदे का सवाल है, लेकिन एक मखसूस मजहब पर अवामी इत्तिफाक राय पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं, इसे भी रोका जाये। अकल्लीयती महाज के सदर डाक्टर सय्यद आसिफ ने कहा कि हिन्दोस्तान की जानिब से मुल्क में फिर्कापरस्ती का माहौल पैदा करने की जो कोशिशें की जा रही हैं, उससे मुल्क का बहुत ज्यादा नुक़्सान हो रहा है, इसलिए बुगज की सियासत को तर्क करना लाजिÞमी है, फिकार्वारीयत को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए।
मर्कजी और रियास्ती हुकूमतों को इस पर संजीदगी से तवज्जा देना होगी। जो लोग फिकार्वाराना फसाद फैलाने के लिए फिकार्वाराना बयानात दे रहे हैं, उनकी निशानदेही की जानी चाहिए, और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ़्तार करके सलाखों के पीछे भेज दिया जाना चाहिए। तकसीरी (अनेक) मजहब हिन्दुस्तानी समाज का मर्कज है, इसलिए किसी को भी किसी के मजहब से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी चाहिए।