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मुल्क के 20 करोड़ मुस्लमान कन्हैया के खानदान के साथ खड़े हैं : मुफ़्ती मुकर्रम


नई दिल्ली :
उदयपुर कत्ल मामले की जितनी मुजम्मत की जाए कम है, ये इस्लाम की बदनामी और मुस्लमानों के लिए रुस्वाई है। इस्लाम की बुनियादी तालीम और कुरआन की रोशनी के खिलाफ है, इसीको सफ़्फाकी कहते हैं। मैं, इस कतल की मुजम्मत करता हूँ और मक़्तूल के खानदान को इस बात का यकीन दिलाता हूँ कि मुल्क के बीस करोड़ मुस्लमान उनके साथ खड़े हैं। इन ख़्यालात का इजहार दिल्ली की फतह पूरी मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने किया। 

दरअसल उदयपुर में नूपूर शर्मा के हामी एक दर्जी के कतल के वाकिया से सफ-ए-मातम बिछी हुई है। मुस्लमानों के हर तबका ने इस की मुजम्मत की है और इस बात की याद-दहानी कराई है कि ऐसे अमल की इस्लाम में कोई गुंजाइश नहीं है। मुफ़्ती मुकर्रम ने कहा कि इस्लाम में तशद्दुद की कोई जगह नहीं है। इसका मजहब से कोई सरोकार नहीं, किसी को इस तरह कत्ल कर देना, इन्सानी फे़अल नहीं है। उन्होंने मजीद कहा कि आज का माहौल देखें और इस अमल को देखें। एक ऐसे वक़्त, जब इस्लाम और मुस्लमान दोनों निशाना पर हैं और दुनियाभर में बदनाम किए जा रहे हैं, अगर कोई ये हरकत करे तो उसको किसी का हमदर्द नहीं माना जा सकता है। 

ये इस्लाम की ताअलीम नहीं

मौलाना मुफ़्ती मुकर्रम ने कहा, हमें इस बात का इल्म होना चाहिए कि कुरान और पैगंबर इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की तालीमात क्या हैं, हमें इन तालीमात को अवाम के सामने पेश करने की जरूरत है। हम जब तक अपने अमल से बताएंगे नहीं कि इस्लाम क्या है, कोई कैसे समझेगा कि मजहब में इन्सानियत को क्या दर्जा दिया गया है। उन्होंने मजीद कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि कातिल पकड़े गए वर्ना एक बड़ी मुसीबत पैदा हो जाती। उन्हें इस जुर्म के लिए कानूनी तौर पर सख़्त से सख़्त सजा दी जाये ताकि दूसरों के लिए इबरत बन सकें। मुफ़्ती मुकर्रम ने इन हालात पर तशवीश का इजहार करते हुए कहा कि मुल्क के बड़े लीडरान को गौर करना चाहिए कि मुल़्क किस जानिब जा रहा है। मुल्क में लंचिंग का मिजाज कैसे और क्यों बना। हमें मुल्क की रवायात का ख़्याल रखना चाहिए।


इर्फान, अमीत और वेंकटेश ने भी की मुजम्मत 

नई दिल्ली : साबिक आॅल राउंडर इर्फान पठान, साबिक तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद और लीग स्पिन्नर अमीत मिश्रा ने उदयपुर में पेश आए वाकिये को दिल दहला देने वाला और इन्सानियत को नुक़्सान पहुंचाने वाला करार दिया। इर्फान पठान ने कहा कि वाकिया का मुर्तकिब किसी भी मजहब का मानने वाला हो, दुरुस्त नहीं है। वहीं वेंकटेश प्रसाद ने वाकिये की मजम्मत करते हुए अमन की अपील की है। अमित मिश्रा ने सवाल उठाया और कहा कि उनके इन्सानी हुकूक का क्या होगा, उसके खानदान का क्या होगा। इर्फान ने ट्वीट किया कि इस बात से कोई फर्क़ नहीं पड़ता है कि आप किस मजहब पर यकीन रखते हैं। किसी मासूम की जान को नुक़्सान पहुंचाना इन्सानियत को नुक़्सान पहुंचाने के मुतरादिफ है। इर्फान सोशल मीडीया पर ताजातरीन मसाइल पर अपनी राय देते रहते हैं। इस वजह से कुछ लोग उन पर तन्कीद भी करते हैं। दूसरी तरफ अमीत मिश्रा ने लिखा कि उदय पुर में मुकम्मल अफरातफरी का मंजर है, सोशल मीडीया पोस्ट पर मजहब के नाम पर एक गरीब दर्जी का सर कलम कर दिया गया है। अमित मिश्रा टीम इंडिया और आईपीएल से बाहर होने के बाद से सोशल मीडीया पर मुसलसल सरगर्म हैं। अमीत भी ताजा-तरीन वाकियात पर लिखते हैं। साथ ही वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि उदयपुर में जो कुछ हुआ, वो वाकई दिल दहला देने वाला है, मैं सबसे अपील करता हूँ कि इस मुश्किल वक़्त में अमन बरकरार रखें। कानून को अपना काम करने दें।


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