सिनेमा ने पूरी दुनिया में भारत की पहचान बनाई
मर्कजी वजीर अनुराग ठाकुर ने भारती सिनेमा के नेशनल म्यूजीयम का दौरा किया
मुंबई : इत्तिलाआत व नशरियात के मर्कजी वजीर अनुराग ठाकुर ने मुंबई के पीडर रोड पर फिल्मज डिवीजन काम्पलैक्स में वाके नेशनल म्यूजीयम आफ इंडियन सिनेमा (एनएमआईसी) का दौरा किया। म्यूजीयम दो इमारतों पर फैला हुआ है। 19 वीं सदी का सकाफ़्ती ढांचा गुलशन महल और तामीर की गई नई म्यूजीयम की दोनों इमारतों ने वजीर की तवज्जा अपनी जानिब मबजूल कराई। म्यूजीयम को देखने के बाद वजीर ठाकुर ने कहा कि फिल्मों में खासतौर पर भारती फिल्मों में दिलचस्पी रखने वालों को हिन्दुस्तानी सिनेमा के नेशनल म्यूजीयम को देखने जरूर आना चाहीए, अगर आप मुंबई में हैं और एनएमआईसी नहीं जाते हैं, तो आपका मुंबई का दौरा ना-मुकम्मल रहेगा।
ठाकुर ने हिन्दुस्तानी सिनेमा की तारीख और उसकी तरक़्की के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए फिल्मों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी रखने वालों और मुल्कभर के फिल्म शायकीन को एनएमआईसी का दौरा करने की हौसला-अफजाई की। उन्होंने कहा है कि यहां एनएमआईसी में कुछ वक़्त गुजारें, म्यूजीयम आपको 100 साल पीछे ले जाएगा, जब सिनेमा बगैर किसी जदीद टेक्नालोजी या आलात से बनाया जाता था।' आज हम एनीमेशन, इफेक्ट्स, ग्राफिक्स और गैमनिंग टेक्नालोजी के बारे में बात करते हैं लेकिन यहां हमें देखने को मिलेगा कि इन दिनों उनकी गैरमौजूदगी में फिल्में कैसे बनती थीं और अब तक उन्होंने क्या तरक़्की की है।' इत्तिलाआत-ओ-नशरियात के वजीर ने उस वक़्त के फिल्मसाजों और तकनीकी माहिरीन को दरपेश मुश्किलात का भी जिÞक्र करते हुए कहा कि फिल्मों की शूटिंग करने के लिए वो किस तरह दुश्वार-गुजार इलाकों में बड़े बड़े कैमरे लेकर जाया करते थे। उन्होंने कहा कि टेक्नालोजी ने इन्सानी जिंदगी और फिल्मसाजी को आसान बना दिया है।
गुलशन महल हैरीटेज बिल्डिंग में मुख़्तलिफ साइज के आठ मुख़्तलिफ हाल में लगाई गई नुमाइशों में भारती सिनेमा के खामोश फिल्मों के दौर से नई लहर तक की तारीख को दिखाया गया है, नई म्यूजीयम बिल्डिंग में ज्यादा-तर एंटर एक्टीव नुमाइशें लगाई गई हैं। फिल्म के असासों, पुराने आलात, पोस्टर्ज, अहम फिल्मों की कापीयां, प्रमोशनल किताबचे, साउंडट्रैक, ट्रेलर, ट्रांसपरेंसी, पुरानी सिनेमा मैगजीन, फिल्मसाजी और डिस्ट्रीब्यूशन वगैरह से जुड़े आदाद-ओ-शुमार मुनज्जम तरीके से भारती सिनेमा की तारीख के दौर को जाहिर करते हैं। फिल्म डिवीजन के डायरेक्टर जनरल रवींद्र भाकर ने म्यूजीयम का उमूमी जायजा पेश किया। सिनेमा के रोल के बारे में बात करते हुए इत्तिलाआत-ओ-नशरियात के वजीर ने कहा कि भारती सिनेमा हमारे मुल्क का साफ़्ट पावर है, जो दुनिया-भर में करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करती है।' उन्होंने ये भी कहा कि तफरीह के जरीया भारती सिनेमा दुनिया-भर में भारत की एक पहचान बनाने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहा, दुनिया में सबसे ज्यादा तादाद में फिल्में भारत में बनती हैं। रिवायत के मुताबिक वजीर ने एनएमआईसी के कॉम्प्लेक्स में एक पौधा भी लगाया और फिल्म डिवीजन, एनएमआईसी, सेंटर्ल बोर्ड आफ फिल्म सर्टीफिकेशन और एनएफडीसी के आफिसरान के साथ जायजा मीटिंग की। जदीद आडीटोरीयम से आरास्ता एनएमआईसी कॉम्प्लेक्स, मई में दस्तावेजी फिल्म, शॉर्ट और ऐनीमेशन फिल्मों के 17 वीं बैन-उल-अकवामी मुंबई फिल्म फेस्टीवल एमआईएफएफ की मेजबानी करेगा। इस से पहले वजीर ने टाइम्स ग्रुप के इंडिया इकोनोमिक कान्क्लेव का इफ़्तिताह किया और वहां कलीदी खुतबा दिया।
- इत्तेलात एवं नशरियात (सूचना एवं प्रसारण)
- मब्जूल (आकर्षित)
- शाएकीन (प्रशंसक)
- जदीद टेक्नालाजी (उन्नत तकनीक)
- आलात (उपकरण)
- आरास्ता (सुसज्जित)