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एनसीसी कैडेटों को दी गई महिला सशक्तिकरण की सीख

 


1 छ. ग. घुड़सवार रेजिमेंट एनसीसी अंजोरा में एनसीसी कैडेटों को प्रतिदिन सैन्य गतिविधियों का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ उनमे अच्छे नागरिक बनने के गुणों को निखारने की कला भी सिखाई जा रही है।

कैम्प गतिविधियों के तहत महिला सशक्तिकरण विषय पर न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सिविल जज रूचि मिश्रा ने एनसीसी कैडेटों से कहा कि महिला शसक्तीकरण मुख्य रूप से महिलाओं को स्वतंत्र बनाने की प्रथा को संदर्भित करता है, ताकि वे स्वयं निर्णय ले सकें और साथ ही बिना किसी पारिवारिक या सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को संभाल सकें। सरल शब्दों में, यह महिलाओं को अपने स्वयं के व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने नारियों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति जागरूक रहने एवं उनका विरोध करने हेतु सदैव तैयार रहने प्रोत्साहित किया। साथ ही धारा 354 की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस धारा के अंतर्गत आने वाला अपराध गैर जमानतीय है। आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत स्त्री पर हमला या उसके शील या स्त्री की लज्जा भंग करने के इरादे से महिला को आपराधिक बल का उपयोग करने पर इस धारा के अंतरगत अपराध कहलाएगा। और इस अपराध की प्रकृति गैर जमानती है।  यह कानून आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013  द्वारा इसमें 354 अ, 354 इ, 354 उ, 354 ऊ  जोड़ा गया है।

कैम्प कमाण्डेन्ट कर्नल तुषार उपासनी ने उनके द्वारा प्रदाय इस व्यख्यान हेतु एवं एनसीसी कैडेटों में जागरूकता का संचार करने के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। शिविर संचाल में लेफ्टिनेंट राजकुमार गड़पायले, लेफ्टिनेंट किरण कुमारी, लेफ्टिनेंट पंकज पटेल, सीनियर जेसीओ ए के सिंह, जेसीओ दिनेश यादव, जेसीओ एनएन शिवाजी, एनसीओ शक्तिमान एवं अन्य अधिकारी कर्मचारियों का योगदान सराहनीय रहा। 


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