✒ मुंबई : आईएनएस, इंडिया बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में पाकिस्तानी आर्टिस्टों की फिल्म, टीवी सीरियल, म्यूजिक शो और दीगर प्लेटफार्म पर अदाकारी के जल्वे दिखलाने और परफार्मेंस करने पर पाबंदी आइद की जाने वाली दरखास्त को मुस्तर्द कर दिया है। अदालत ने ये फैसला जूनियर आर्टिस्ट फैज अनवर कुरैशी की जानिब से दायर दरखास्त की समाअत (सुनवाई) के दौरान दिया जिसमें मुतालिबा किया गया था कि अदालत मर्कज (केंद्र) को हिदायत दे कि कि वो हिन्दुस्तानी शहरियों और कंपनियों पर किसी काम या कारकर्दगी और खिदमात को मुलाजमत देने या पाकिस्तानी फनकारों के साथ किसी भी तरह की वाबस्तगी में शामिल होने पर मुकम्मल पाबंदी आइद करे।
जस्टिस सुनील बी शुक्रे और जस्टिस फिरदोश पी पूनावाला की एक डिवीजन ने 17 अक्तूबर को दरखास्त को मुस्तर्द करते हुए अपने हुक्म में कहा था कि इस तरह की राहत की दरखास्त सकाफ़्ती हम आहंगी (सांस्कृतिक सौहार्द्र), इत्तिहाद और अमन को फरोग देने के लिए एक पीछे हटने वाला कदम है। बेंच ने कहा कि दरखास्त गुजार ने पालिसी बनाने के सिलसिले में राहत तलब की थी और अदालत मुकन्निना को उसे किसी खास तरीके से वजा करने की हिदायत नहीं दे सकती। बेंच ने निशानदेही की कि पाकिस्तान की क्रिकेट टीम हिन्दोस्तान में मुनाकिद होने वाले मौजूदा क्रिकेट वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही है, क्योंकि मर्कजी हुकूमत की जानिब से आईन आर्टीकल 51 के मुताबिक अमन और हम आहंगी के मुफाद में काबिल-ए-तारीफ मुसबत (प्रशंसनीय, सकारात्मक) इकदामात हैं। बेंच ने नोट किया कि अगर इस तरह की दरखास्त पर गौर किया जाए तो ये मर्कज की तरफ से उठाए गए मुसबत इकदामात को बेकार करार देगी।
खादिम हरमैन-शरीफैन की सरपरस्ती में जद्दा में इस्लामी दुनिया के वुजराए माहौलियात का इजलास
रियाद : खादिम हरमैन-शरीफैन शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज की सरपरस्ती में इस्लामी दुनिया के वुजराए माहौलियात (पर्यावरण मंत्रियों) की कान्फें्रस का नवां इजलास जददा में मुनाकिद हुआ। इस्लामी दुनिया के तालीमी, साईंसी और साईंसी इदारों के तआवुन से 18 और 19 अक्तूबर को होने वाले इस दो रोजा इजलास की इफ़्तिताही तकरीर के दौरान सऊदी माहौलियात, पानी और जराअत (कृषि) के वजीर इंजीनर अब्दुर्रहमान अल फजली ने कहा कि इस्लामी ममालिक का तआवुन, मुशतर्का (सााा) काम, इल्म और तजुर्बात के तबादले और बेहतरीन तरीकों को अपनाने के अज्म पर जदीद टेक्नोलोजी माहौल के तहफ़्फुज को यकीनी बनाने और आलमी माहौलियाती चैलेंजिज का मुकाबला करने में अहम किरदार अदा करती है। कान्फें्रस में 52 इस्लामी मुल्कों के वुजराए माहौलियात शरीक थे। इसके अलावा माहौलियात से वाबस्ता 30 से ज्यादा इलाकाई और बैन-उल-अकवामी तन्जीमों के नुमाइंदे भी कान्फें्रस में मौजूद थे।फलीस्तीनी अवाम के साथ किया यकजहती का इजहार
कान्फें्रस के दौरान उन्होंने फलस्तीनी अवाम के साथ सऊदी अरब की यकजहती का इजहार किया और इसराईल की गैर इन्सानी दरिंदगी और बुनियादी ढाँचे और माहौलियात पर पड़ने वाले असरात पर बात की। उन्होंने आलमी बिरादरी से मुतालिबा किया कि वो जिम्मादाराना मौकिफ (रुख) इखतियार करें। उन्होंने कहा, सऊदी अरब के मराकश और लीबिया के साथ बेहतरीन ताल्लुकात हैं। दोनों मुल्कों में आने वाली हालिया कुदरती आफात के असरात से निमटने के लिए तआवुन की जरूरत है।