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File Photo |
गजा : इसराईल की फौज ने मगरिबी (पश्चिमी) किनारे में एक मस्जिद पर मिजाईल हमला किया है और दावा किया है कि इस मुकाम पर अस्करीयत पसंद मौजूद थे। इसराईल का कहना है कि उसकी फोर्स ने मगरिबी किनारे में कायम एक मस्जिद के तहखाने को निशाना बनाया जहां शिद्दत-पसंद तन्जीमों ‘हम्मास’ और ‘इस्लामी जिहाद’ के अराकीन मौजूद थे। ये •ाी दावा किया गया है कि ये शिद्दतपसंद मुबय्यना (कथित) तौर पर एक बड़े दहशतगर्द हमले की मंसूबाबंदी कर रहे थे। अलबत्ता इसराईल की फौज ने इस दावे के शवाहिद (गवाह) फराहम नहीं किए।
हिज्बुल्लाह ने तस्लीम किया है कि सरहद पर जारी कशीदगी में उसके छ: जंगजू हलाक हो चुके हैं। गुजिश्ता दो हफ़्तों के दौरान हिज्बुल्लाह के हलाक होने वाले जंगजूओं की तादाद 19 हो चुकी है। इसराईली फौज का कहना है कि उसका एक फौजी एंटी टैंक मिजाईल का निशाना बना और दीगर मुतअद्दिद (कई) फौजी जखमी हुए। इसके अलावा इसराईली फौज के मुताबिक उसके दीगर दो फौजी •ाी मामूली जखमी हुए। इसराईल की फौज और लेबनान की हिज्बुल्लाह के दरमियान 2006 में होने वाली जंग के बाद हालिया दिनों में हलाकतखेज झड़पें हो रही हैं। अमरीका के वजीर-ए-खारजा ने लेबनान के वजीर-ए-आजम नजीब मुक्ती को हफ़्ते को फोन पर खबरदार किया है कि अगर उनके मुल्क को इस जंग में शामिल किया गया तो लेबनान की अवाम •ाी मुतास्सिर हो सकती है।
गजा पट्टी पर मुम्किना हमले से मुताल्लिक सहाफियों (पत्रकारों) के पूछे गए सवाल पर उनका कहना था कि इसराईल, शुमाली (उत्तरी) गजा पर हमले तेज करेगा। उन्होंने गजा के शुमाल में मौजूद फलस्तीनीयों को जुनूबी (दक्षिण) गजा में शिफ्ट होने पर एक बार फिर जोर दिया।
हिंदूस्तान में रहने वाले फलस्तीनी तलबा गजा की सूरत-ए-हाल से परेशान
नई दिल्ली : इसराईली हमले के बाद गजा की पट्टी से सामने आने वाली तसावीर में गिरी हुई इमारतें, चारों तरफ बिखरे मलबे और रोते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं। इन तसावीर से जहां पूरी दुनिया गमजदा है, वहीं हिन्दोस्तान में मुकीम (रहने वाले) फलस्तीनी नौजवान बहुत परेशान हैं। उन्हें बार-बार खौफ-ओ-हिरास का सामना करना पड़ रहा है। हिंदूस्तानी में रहकर पढ़ाई करने वाले ये फलीस्तीनी नौजवान गजा की पट्टी में रहने वाले अपने प्यारों के लिए परेशान हैं और पढ़ाई पर ध्यान •ाी नहीं दे पा रहे हैं। हिन्दोस्तान में जेरे ताअलीम एक फलस्तीनी तालिबे इल्म ने बताया कि मौजूदा बोहरान (संकट) की वजह से वो अपने अजीजों से राबिता नहीं कर पा रहा है। सूरत-ए-हाल ये है कि उसके पास पैसे की कमी है और जिसकी वजह से उसे अपने खाने की परेशानी हो रही है। अब वो दिन में तीन के बजाय सिर्फ दो वक़्त का खाना खा रहा है।तालिबे इल्म ने बताया कि वो कुछ •ाी लिख-पढ़ नहीं पा रहा है। उसे सिर्फ अपने घर वालों की फिक्र है। वो ठीक से सो •ाी नहीं पा रहा है। तालिब-इल्म ने बताया कि वो अपने घर वालों से राबिता नहीं कर पा रहा और वो ये •ाी नहीं जानता कि उसके घर वाले जिंदा हैं या नहीं। फलस्तीनी तालिबे इल्म का कहना था कि वो बेसब्री से वतन वापसी का इंतिजार कर रहा है और दुआ कर रहा है कि ये लड़ाई जल्द खत्म हो जाए। ख़्याल रहे कि हम्मास के जवाब में इसराईल, गजा की पट्टी और मगरिबी किनारे पर मुसलसल बमबारी कर रहा है जिसमें मासूम बच्चे और आम शहरी जांबाहक हो रहे हैं। इसराईल के हमले से गजा की पट्टी में अब तक 4469 अफराद हलाक और एक हजार से जाइद जखमी हैं।