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ईरानी हुक्काम ने सुन्नी आलम-ए-दीन मौलवी अब्दुल हमीद को हज पर जाने से रोका

07 जिल हज्ज 1444 हिजरी
पीर, 26 जून 2023
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तेहरान : आईएनएस, इंडिया 
ईरान के सरकरदा सुन्नी आलम-ए-दीन मौलवी अबुल हमीद को हुक्काम ने सफर-ए-हज पर जाने से रोक दिया है। मौलवी अब्दुल हमीद रवां साल फरीजा हज अदा करने का इरादा रखते थे लेकिन ईरान की वजारत-ए-सुरागरसां की जानिब से उन्हें मतला (सूचित) किया गया कि उन पर हज के लिए सऊदी अरब जाने पर पाबंदी आयद है। 
ईरानी हुक्काम ने सुन्नी आलम-ए-दीन मौलवी अब्दुल हमीद को हज पर जाने से रोका
    ईरानी हुक्काम ने इस मुआमले के बारे में कोई सरकारी बयान जारी नहीं किया है और ना इसकी कोई वजाहत पेश की है। मौलवी अब्दुल हमीद ईरान के सुन्नी अक्सरीयती जुनूब मशरिकी (दक्षिण-पूर्वी) सूबा सीस्तान, बलूचिस्तान के दार-उल-हकूमत (राजधानी) जाहिदाँ से ताल्लुक रखते हैं। वो 22 साला ईरानी कुर्द खातून महसा अम्मीनी की हलाकत के रद्द-ए-अमल में मुल्कभर में होने वाले मुजाहिरों के खिलाफ क्रैक डाउन पर ईरानी हुकूमत को कड़ी नुक्ता-चीनी का निशाना बनाते रहे हैं। वो काफी असर-ओ-रसूख रखते हैं और ईरान की सुनी अकलीयत में इंतिहाई काबिल-ए-एहतिराम शख़्सियत समझते जाते हैं। 
    ईरानी हुकूमत पर उनकी हालिया खुल्लम खुल्ला तन्कीद ने उन्हें ईरानियों में मजीद मकबूल बना दिया है। सीस्तान, बलूचिस्तान की सरहदें पाकिस्तान और अफ़्गानिस्तान दोनों से मिलती हैं। ये ईरान के गरीब तरीन इलाकों में से एक है और यहां ज्यादा-तर बलोच नसल से ताल्लुक रखने वाले अहले सुन्नत आबाद हैं, जो शीया अक्सरीयती ईरान में एक अकलीयत हैं। इन्सानी हुकूक की तन्जीमों का कहना है कि उन्हें गुजिशता कई दहाईयों से इमतियाजी सुलूक और जब्रो इस्तिबदाद का सामना करना पड़ रहा है। इस सूबा में महसा अम्मीनी की मौत और हुक्काम की चीरा दस्तियों के खिलाफ कई महीनों तक बाकायदगी से हुकूमत मुखालिफ मुजाहिरे होते रहे थे और अक्सर नमाज-ए-जुमा के इजतिमाआत के बाद लोगों की बड़ी तादाद इन मुजाहिरों में शिरकत करती रही है। 
    इन्सानी हुकूक की तन्जीमों के मुताबिक महसा अम्मीनी की हलाकत के बाद शुरू होने वाले मुजाहिरों के दौरान ईरानी सिक्योरिटी फोर्सिज ने सैकड़ों अफराद को हलाक किया। उनमें सबसे ज्यादा हलाकतें सीस्तान बलूचिस्तान ही में हुई थीं। वाजेह रहे कि महसा अम्मीनी को 16 सितंबर 2022 को तेहरान में अखलाकी (कम्यूनिटी) पुलिस ने हिजाब के मुबय्यना खिलाफवरजी के इल्जाम में गिरफ़्तार किया था जिसके तीन दिन बाद वो पुर असरार हालात में चल बसी थीं। उनकी मौत के रद्द-ए-अमल में ईरानी हुक्काम के खिलाफ मुल्क गीर एहितजाजी तहरीक (आंदोलन) शुरू हो गई थी।

ना मुनासिब हालात के बावजूद 245 सूडानी हुज्जाज किराम हज के लिए पहुंचे

रियाद : ना मुनासिब हालात के बावजूद सूडान से समुंद्र के रास्ते 245 अफराद पर मुश्तमिल आजमीन-ए-हज्ज का पहला ग्रुप बहरी जहाज से जद्दा इस्लामी बंदरगाह पहुंच गया। मीडीया के मुताबिक सूडान में जारी जंग के बाइस कशीदा हालात में भी सूडानियों की हज की अदायगी का रास्ता निकल आया। 
    सूडानी आजमीन का बुध के रोज जद्दा में वजारत हज-ओ-उमरा के डायरेक्टर जनरल अब्दुर्रहमान अलगनाम, जद्दा इस्लामिक पोर्ट पर महिकमा हज-ओ-उमरा के डायरेक्टर नायब सदर माजिन बिन सईद अलगामदी और दीगर ने इस्तिकबाल किया। हुक्काम ने आने वाले आजमीन-ए-हज्ज को मुबारकबाद पेश करते हुए उन्हें गुलदस्ते, अजवा खजूर और आब-ए-जम जम पेश किया। वाजेह रहे कि तकरीबन 8 हफ़्तों से जाइद से खुरतूम और सूडान के दीगर हिस्से फौज और नियम फौजी रैपिड स्पोर्ट फोर्सिज के दरमयान खूँरेज लड़ाई की लपेट में हैं।


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