मस्जिद अल हरम में खवातीन जमात हर वक्त 14 जबानों में रहनुमाई के लिए रहती हैं मौजूद

21 जीअकादा 1444 हिजरी
पीर, 11 जून 2023
अकवाले जरीं
‘किसी मुसलमान को बेइज्जत करना, बड़े गुनाहों में से एक है।’ 
- अबु दाऊद
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रियाद : आईएनएस, इंडिया 
सदारत आम्मा बराए उमूर मस्जिद अल हरम और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने ऐलान किया है कि मस्जिद अल हरम में मुख़्तलिफ मुकामात पर 24 घंटे खवातीन जमात को मुकर्रर किया गया है। ये खवातीन जायरीन को 14 जबानों में रहनुमाई फराहम कर रही हैं। 
मस्जिद अल हरम में खवातीन जमात हर वक्त 14 जबानों में रहनुमाई के लिए रहती हैं मौजूद
    खवातीन के इस ग्रुप को अल्लाह के घर आने वालों की खिदमत के लिए मामूर किया गया है। जबानों और तर्जुमा के लिए मुआविन (मददगार) एजेंसी ने वजाहत (स्पष्ट) किया कि जमात खवातीन की खिदमात मस्जिद अल हरम के अंदर लगाए गए मखसूस काउंटर्ज पर फराहम की जाती हैं। इन काउंटर्ज पर आने वाली खवातीन को उनकी ही जबान में रहनुमाई फराहम की जाती है। 
    खुसूसी तौर पर खवातीन के लिए तर्जुमा की सहूलत फराहम करने वाली इस सर्विस में जिन जबानों को शामिल किया गया है उनमें इंग्लिश, उर्दू, उजबक, फारसी, तुर्की, फ्रÞांसीसी, बंगाली, ताम्मुल, सेलेंक, बमबारा, गोला, आयोरी कोस्ट की जबान, पश्तो और हिन्दी शामिल हैं। एजेंसी ने बताया कि इस सर्विस के तहत मुकामी और मजहबी रहनुमाई फराहम की जाती है। इसी तरह बयान सुनने के लिए खवातीन के हाल्ज में हेडफोन तकसीम किए जाते हैं। इन हैड फोन्ज में जारी वाज का मतलूबा जबान में बराह-ए-रास्त तर्जुमा सुनाया जाता है।


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